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Friday, October 30, 2020

छोटे बच्चों और शिशुओं का वजन बढ़ाने वाले 20 गुणकारी भोजन

छोटे बच्चों और शिशुओं का वजन बढ़ाने वाले 20 गुणकारी भोजन

आज के समय में आधुनिकता ने कितना ही समाज का रूप बदल दिया हो, लेकिन एक बात सदियों से चली आ रही है जिसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है। आज भी हर माँ, चाहे वो विश्व के किसी भी हिस्से की हो, अपने बच्चे के वजन के सही ढंग से न बढ्ने को लेकर परेशान रहती है। उनके अनुसार वो चाहें कितना भी कोशिश कर लें लेकिन उनके बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है। इसका सबसे बढ़ा कारण यह है की दुनिया की प्रत्येक माँ एक गोल मटोल बच्चे को ही स्वस्थ होने की निशानी मानतीं हैं और इस कमी को पूरा करने के लिए वो हर संभव प्रयास करतीं हैं। उस समय वे यह तथ्य भी भूल जातीं हैं की अधिकतर बच्चों की शारीरिक संरचना उनके परिवार के जिंस पर भी आधारित होती है।


 

इसलिए ऐसी हर माँ के लिए एक सुझाव है की आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को देखें न की वजन तोलने वाली मशीन के कांटे पर नजर रखें। शायद आपको यह बात इतनी सरल न लगे। तो इसके लिए आप नीचे दिये हुए चार्ट के अनुसार अपने बच्चे के वजन को आंक सकतीं हैं:

आयु के अनुसार बच्चों का वजन कितना होना चाहिए (bachon ka vajan):

  1. तीन महीने तक हर बच्चे का वजन 175 से 210 ग्राम प्रति सप्ताह बढ़ता है
  2. 5 माह तक जन्म के समय का वजन दुगुना हो जाता है
  3. आगे एक साल तक हर महीने 400 ग्राम वजन बढ़ता है
  4. एक वर्ष का होने तक जन्म के समय का वजन तिगुना हो जाता है
  5. दो वर्ष का होने तक 4 गुना
  6. 3 वर्ष का होने तक 5 गुना
  7. 5 वर्ष का होने तक 6 गुना

औसत रूप से 3 वर्ष से 7 वर्ष होने तक हर बच्चा हर वर्ष 2 किलो तक के वजन से बढ़ता है और उसके बाद वयस्क होने तक हर वर्ष 3 किलो वजन बढ़ता है।

बच्चों के वजन को बढ़ाना चाहतीं हैं तो :
• प्रति सप्ताह अपने बच्चे के लिए कुछ नया बनाएँ और उसके बाद थोड़ा धैर्य रखें, एकदम से यह अपेक्षा न करें की बच्चे वजन तेज़ी से बढ्ने लगेगा ;
• जब तक आपका शिशु स्तन पान करता है तो यही दूध उसका वजन बढ़ाने में सहायता करता है

जब आपका नन्हा बच्चा ठोस आहार लेना शुरू कर देता है तो आप उसे खाने के लिए निम्न आहार दे सकतीं हैं। लेकिन कुछ भी नया खाना देने से के बाद उसको तीन दिन तक उसका असर देखें की कहीं इस खाने से कोई एलर्जी तो नहीं है। इस नियम को तीन दिन के नियम से भी जाना जाता है।

छोटे बच्चों और शिशुओं के वजन बढ़ाने में सहायक 20 सुपर गुणकारी भोजन:

1. दूध:

glass mein doodh
जब तक आपका शिशु स्तनपान कर रहा है तो एक वर्ष तक इससे अच्छा और कोई भोजन नहीं है उसके लिए । उसके बाद दिन में 3 बार गाय का दूध दिया जा सकता है।

2. हाई कैलोरी एनर्जी देने वाला भोजन:

जब आप बच्चे को हाई एनर्जी भोजन करने को देते हैं तो इससे बिना अतिरिक्त फैट बढ़ाए उनका वजन आसा

phal aur phal ka raas

नी से बढ़ सकता है। लेकिन यदि बच्चों को ऐसा खाना दिया जाता है जिससे पोषण के स्थान पर उनके शरीर में फैट की वृद्धि होती है तो उनकी खाने की आदतें खराब हो सकतीं हैं जिन्हें बाद में ठीक करने में परेशानी होती है।

3. केला :

kata hua khela
छह महीने के उपरांत बच्चे को केला खाने के लिए दिया जा सकता है। केले में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन बी 6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
आठ महीनों से पहले बच्चे को केले की प्यूरि बना कर दी जा सकती है और उसके बाद पेनकेक, दलिया या फिर बनाना मफिन के रूप में दिया जा सकता है।
अगर आप बच्चे को सर्दी में केला देने से डर लगता है तो कच्चे केले का पाउडर भी दिया जा सकता है जो पोषक भी होता है और इससे बच्चों का वजन भी बढ़ सकता है।

sathumaavu hindi

4. आड़ू :

aadu ka phal

जब बच्चा छह महीने का हो जाता है तो उसे आड़ू भी दिया जा सकता है। आड़ू में प्रचुर मात्रा में फाइबर, नियासिन , विटामिन ए, और विशेषकर विटामिन सी होता है।
इस अवधि में बच्चे को आड़ू का रस निकाल कर दिया जा सकता है और एक वर्ष के बाद मिल्क शेक या स्मूदी के रूप में दिया जा सकता है ।

5. नाशपाती :

nashapati phal

बच्चों को नाशपाती एक ठोस पोषक और वजन बढ़ाने वाले भोजन के रूप में बहुत आसानी से दी जा सकती है। नाशपाती में आयरन, फाइबर, विटामिन बी 6 और विटामिन सी अधिकतम मात्रा में होती है।

6. मटर :

mutter in bowl

मटर को भी बच्चों में पोषण और वजन बढ़ाने में सहायक भोजन के रूप में एक बहुत अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसमें फाइबर, थियमीन, विटामिन सी, मैगनिशीयम , नियासिन, फास्फोरस,विटामिन ए और बी 6 अच्छी मात्रा में होते हैं।
मटर को प्यूरि , खिचड़ी और सूप के रूप में बच्चों को दिया जा सकता है।

7. शकरकंद:

shakarkand

छोटे बच्चों के लिए शकरकंद प्रथम आहार के रूप में सबसे बढ़िया आहार है। छह महीने के बाद इसे बड़ी आसानी से बच्चों को दिया जा सकता है।
शकरकंद में फैट बहुत कम मात्रा में होती है लेकिन इसमें फाइबर, मैगनिशीयम, विटामिन बी 6, विटामिन ए और विटामिन सी बहुत अच्छी मात्रा में होती हैं। इसे प्यूरि, खिचड़ी, सूप और पेनकेक के रूप में दिया जा सकता है।

8. मांस:

raw maas


मांसाहारी भोजन में चिकन छोटे बच्चों को पोषण बहुत सरलता से दिया जा सकता है। इसमें चिकन बच्चों को आठ महीने के बाद दिया जा सकता है। चिकन में नियासिन, फोसफोरेस, मैगनिशीयम, विटामिन बी 6 और विटामिन बी 12 और कोलेस्टरोंल काफी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसलिए सप्ताह में एक बार छोटे बच्चों को चिकन बहुत आसानी से दिया जा सकता है।
चिकन को उबाल कर या प्यूरि, स्ट्यू, सूप, चावल आदि के रूप में भी दिया जा सकता है। इसके अलावा चिकन का स्टॉक बना कर इसे किसी भी दूसरी डिश में मिला कर दिया जा सकता है।

9. घी:

ghee ek bowl mein

भारतीय खाने में देसी घी वजन बढ़ाने का बहुत अच्छा स्त्रोत माना जाता है। बच्चे के सात महीने के बाद उसके खाने में एक बड़ा चम्मच घी मिलाकर दिया जा सकता है। लेकिन इसकी शुरुआत धीरे-धीरे करनी चाहिए। इसके लिए बच्चे के खाने में थोड़ा-थोड़ा घी मिलाकर दें और बार में उसकी मात्रा बढ़ाएँ। कुछ बच्चे घी थोड़ा देर से हजम करते हैं। इसलिए इसका उपयोग ध्यान से करें। अच्छा होगा अगर बच्चों को घर का बना शुद्ध घी ही खिलाएँ।

10. चीज़:

kata hua cheese

जब आपका बच्चा आठ महीने का हो जाता है तो उसे खाने में चीज भी दी जा सकती है। चीज में फास्फोरस, कैल्शियम और सेलेनियम बहुत अच्छी मात्रा में होती है ।
बच्चों को चीज ऐसे ही खाने के लिए दी जा सकती है। इसके अलावा फ्रूट सलाद में भी चीज का उपयोग करके बच्चों को दिया जा सकता है।

11. मेवा:

rang bari meva

बादाम, पिस्ता, अंजीर, काजू आदि मेवे बच्चों में ताकत देने वाले भोजन माने जाते हैं। बच्चों को देने के लिए इन मेवों का पाउडर बना कर सभी खानों में मिलाया जा सकता है। इसके अलावा बादाम का दूध, मेवे की चौकलेट और मेवे के लड्डू बना कर भी दिये जा सकते हैं।
यह भी याद रखें की मेवे के पाउडर कुछ बच्चों में एलर्जी कर सकता है इसलिए आप तीन दिन वाले नियम को भी याद रखें।

12. साबुत गेहूं :

gehu ka bread
बहुत से लोग साबुत गेहूं को वजन बढ़ाने वाला नहीं मानते हैं लेकिन कुछ बच्चों में साबुत गेहूं से वजन बढ्ने की प्रवृति देखी गयी है। साबुत गेहूं में फाइबर और कम चिकनाई होती है।
जब बच्चों को साबुत गेहूं देना हो तो इसके लिए अनाज, सोया दलिया, खीर, पेनकेक, दलिया, बादाम दलिया आदि के साथ मिलाकर दिया जा सकता है।
गेहूं का दूसरा रूप दलिया जिसे बाजार में इसटेंट फूड के रूप में मिलने वाले भोजन के रूप में भी दिया जा सकता है। यह इसटेंट फूड अलग-अलग स्वादों जैसे इलायची, मूंग-दाल आदि के साथ भी आता है।

13. ओट्स:

oats loose mein

एक और भोजन है जिससे बच्चों का पोषण और वजन दोनों बढ़ता है, इसे ओट्स कहते हैं। ओट्स में चिकनाई कम मात्रा में होती है और कोलेस्ट्रॉल, मैगनिशीयम, मैंगनीज, थियमीन और फास्फोरस बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। ओट्स में प्रोटीन के बराबर के पोषक तत्व होते हैं। ओट्स दलिया, खीर, पेनकेक और फ्रूट डोसा के रूप में दी जा सकती हैं ।

14. एवोकादो :

avocado ka half

जब बच्चा छह महीने का हो जाता है तो उसे एवोकादो दिया जा सकता है। इस फल में फाइबर अधिक और चिकनाई कम होती है।
इसको प्यूरि और बच्चे के एक वर्ष के बाद दूध में शेक या स्मूदी के रूप में दिया जा सकता है।

15. रागी:

ragi loose mein

बच्चों में वजन बढ़ाने के लिए रागी एक सर्वोत्तम आहार है। इसमें फाइबर, प्रोटीन , विटामिन बी 1,बी 2 और बी 6 अच्छी मात्रा में होते हैं ।
रागी को दलिया, केक, डोसा, इडली, लड्डू, खीर, रोटी या कुकीज़ के रूप में दी जा सकती है ।
अंकुरित रागी का पाउडर भी बच्चों को पोषक भोजन के रूप में दिया जा सकता है। यह ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।

16. घर में बना सेरेलेक:



घर में बनाया हुआ सेरेलेक भी बच्चों में पोषण और वजन बढ़ाने वाला भोजन माना जाता है। इसमें अनाज, मेवा, दालें आदि मिलाकर एक सम्पूर्ण आहार का रूप दिया जा सकता है।

17. ऑलिव तेल :

olive tel

बच्चों को ऑलिव ऑयल देना इसलिए लाभकारी होता है क्यूंकी इसमें संतुलित चिकनाई वाला दूसरे सभी तेलों में सर्वोत्तम माना जाता है। बच्चे का खाना बनाने के लिए किसी भी अच्छी कंपनी के ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

18. आलू :

aloo uncooked

बच्चों के लिए सबसे पहला आहार आलू ही माना जाता है। नरम होने के कारण इसको आसानी से मसलकर खिलाया जा सकता है और इसके खाने से बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी भी नहीं होती है। शुरू में बच्चों को थोड़ी मात्रा में आलू दिया जा सकता है जिससे उन्हें पेट में गैस की शिकायत न हो।
आलू में खनिज, विटामिन के अलावा कैरोटेनोयड्स और प्राकृतिक फिनोयल जैसे पादप रसायन भी होते हैं। आलू में सबसे अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है।
आलू को खिचड़ी, सूप या प्यूरि के रूप में दिया जा सकता है ।

19. अंडा :

murgi ka anda

बच्चे के आठ महीने के बाद उसे अंडा आसानी से दिया जा सकता है। इसे उबाल कर, तल कर भी दिया जा सकता है। इसके अलावा अंडे को पेनकेक, चावल,पुडिंग या टोस्ट के साथ बना कर दिया जा सकता है। कुछ बच्चों को अंडे के सफ़ेद भाग से परेशानी हो सकती है, इसलिए अगर ऐसा महसूस हो तो देख भाल कर दें।

20. नारियल तेल :

nariyal ka tel

नारियल तेल में खाना पकाने से बच्चे खाना आसानी से पचा भी लेते हैं और उनका वजन भी आसानी से बढ़ जाता है।

21. मल्टीग्रेन हैल्थ ड्रिंक पाउडर:

multigrain health drink

बच्चों को घर का बना मल्टीग्रेन हैल्थ ड्रिंक पाउडर भी दिया जा सकता है। इसके लिए साबुत अनाज और दालों को मिलाकर एक पोषक हैल्थ ड्रिंक पाउडर बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। जिससे बच्चों में पोषण और वजन दोनों को सरलता से बढ़ाया जा सकता है।

bachon ka vajan badane wale bhojan

 

Wednesday, October 14, 2020

Bootable USB Maker

Rufus

Create bootable USB drives the easy way 
[rufus screenshot]

Rufus is a utility that helps format and create bootable USB flash drives, such as USB keys/pendrives, memory sticks, etc.

It can be especially useful for cases where:

  • you need to create USB installation media from bootable ISOs (Windows, Linux, UEFI, etc.)
  • you need to work on a system that doesn't have an OS installed
  • you need to flash a BIOS or other firmware from DOS
  • you want to run a low-level utility

Despite its small size, Rufus provides everything you need!

Oh, and Rufus is fast. For instance it's about twice as fast as UNetbootin, Universal USB Installer or Windows 7 USB download tool, on the creation of a Windows 7 USB installation drive from an ISO. It is also marginally faster on the creation of Linux bootable USB from ISOs. (1)
A non exhaustive list of Rufus supported ISOs is also provided at the bottom of this page. (2)

Download

Last updated 2020.06.18:

Supported Languages:

Bahasa Indonesia Bahasa Malaysia Български Čeština Dansk Deutsch Ελληνικά
English Español Français Hrvatski Italiano Latviešu Lietuvių Magyar Nederlands Norsk
Polski Português Português do Brasil Русский Română Slovensky Slovenščina Srpski
Suomi Svenska Tiếng Việt Türkçe Українська 简体中文 正體中文 日本語 한국어 ไทย
עברית العربية پارسی.

System Requirements:

Windows 7 or later, 32 or 64 bit doesn't matter. Once downloaded, the application is ready to use.

I will take this opportunity to express my gratitude to the translators who made it possible for Rufus, as well as this webpage, to be translated in various languages. If you find that you can use Rufus in your own language, you should really thank them!

Usage

Download the executable and run it – no installation is necessary.

The executable is digitally signed and the signature should state:

  • "Akeo Consulting" (v1.3.0 or later)
  • "Pete Batard - Open Source Developer" (v1.2.0 or earlier)

Notes on DOS support:

If you create a DOS bootable drive and use a non-US keyboard, Rufus will attempt to select a keyboard layout according to the locale of your system. In that case, FreeDOS, which is the default selection, is recommended over MS-DOS, as it supports more keyboard layouts.

Notes on ISO Support:

All versions of Rufus since v1.1.0 allow the creation of a bootable USB from an ISO image (.iso).

Creating an ISO image from a physical disc or from a set of files is very easy to do however, through the use of a CD burning application, such as the freely available InfraRecorder or CDBurnerXP.

Frequently Asked Questions (FAQ)

A Rufus FAQ is available HERE.

To provide feedback, report a bug or request an enhancement, please use the github issue tracker. Or you can send an e-mail.

License

GNU General Public License (GPL) version 3 or later.
You are free to distribute, modify or even sell the software, insofar as you respect the GPLv3 license.

Rufus is produced in a 100% transparent manner, from its public source, using a MinGW32 environment.

Changelog

  • Version 3.11 (2020.06.18)
    • Add Rock Ridge deep directory support
    • Add an option to write small ISOs to an ESP (GPT only)
    • Add a cheat mode (
      Ctrl
      -
      SELECT
      ) to extract content from an additional zip archive on top of the ISO
    • Add a cheat mode (
      Alt
      -
      G
      ) to disable Virtual Hard Disk listing
    • Add a cheat mode (
      Alt
      -
      P
      ) to toggle a GPT ESP to Basic Data (Windows 10 only)
    • Fix improper x86 32-bit NTFS driver being used for UEFI:NTFS
    • Improve UEFI:NTFS compatibility with older UEFI firmwares
    • Improve startup time by running the ISO download feature check in the background
    • Remove Ubuntu's splash screen for persistent UEFI drives
    • Enable ASLR for the Rufus executable
  • Other versions

Source Code

  • Rufus 3.11 (3.5 MB)
  • Alternatively, you can clone the git repository using:
    $ git clone git://github.com/pbatard/rufus
  • For more information, see the github project.
If you are a developer, you are very much encouraged to tinker with Rufus and submit patches.

Donations

Since I'm getting asked about this on regular basis, there is no donation button on this page.

The main reason is that I feel that the donation system doesn't actually help software development and worse, can be guilt-inducing for users who choose not to donate.

Instead, I think that "mécénat"; or developer patronage, from companies which benefit most from a healthy FLOSS ecosystem, is what we should be aiming for. This is because, unless they are backed by a company, developers who want to provide quality Open Source software cannot realistically sustain full time development, no matter how generous their software users are.

Also, unless you are blocking them (hint, hint), you'll notice that there are ads on this page, which I consider sufficient revenue enough.

Finally the fact that I have the freedom to develop Free Software in my spare time should indicate that I'm well-off enough, and therefore that you should direct your generosity towards people who need it a lot more than I do. If you really insist, you can always make a donation to the Free Software Foundation, as they are the main reason software like Rufus is possible.

At any rate, I'll take this opportunity to say thank you for your continuing support and enthusiasm about this little program: it is much appreciated!

But please continue to feel free to use Rufus without any guilt about not contributing for it financially – you should never have to!

 

(1) Speed comparison between Rufus and other applications

The following tests were carried out on a Windows 7 x64 Core 2 duo/4 GB RAM platform, with an USB 3.0 controller and a 16 GB USB 3.0 ADATA S102 flash drive.

• Windows 7 x64en_windows_7_ultimate_with_sp1_x64_dvd_618240.iso

Windows 7 USB/DVD Download Tool v1.0.3000:08:10
Universal USB Installer v1.8.7.500:07:10
UNetbootin v1.1.1.100:06:20
RMPrepUSB v2.1.63800:04:10
WiNToBootic v1.200:03:35
Rufus v1.1.100:03:25

• Ubuntu 11.10 x86ubuntu-11.10-desktop-i386.iso

UNetbootin v1.1.1.100:01:45
RMPrepUSB v2.1.638 00:01:35
Universal USB Installer v1.8.7.500:01:20
Rufus v1.1.100:01:15

• Slackware 13.37 x86slackware-13.37-install-dvd.iso

UNetbootin v1.1.1.101:00:00+
Universal USB Installer v1.8.7.500:24:35
RMPrepUSB v2.1.63800:22:45
Rufus v1.1.100:20:15

 
Wednesday, August 05, 2020

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण से जुड़ी इन 5 बातों का रखना चाहिए ध्यान!

1 से 7 अगस्त के बीच हर साल विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है. स्तनपान के लिए स्वस्थ पोषक तत्वों की निरंतर खुराक की जरूरत होती है जो दूध की आपूर्ति को बढ़ावा देते हैं और मां और बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति को बढ़ाने में मदद करते हैं. यहां कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.

  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 500 कैलोरी की जरूरत होती है.
  • स्तनपान करने वाले शिशुओं में प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है.
  • बच्चे को पिलाती हैं दूध तो इन 5 बातों को गांठ बांध लें.
प्रोटीन का सेवन बच्चे के विकास के लिए जरूरी है

3. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ

माताओं और बच्चे में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन की आवश्यकता होती है. आयरन रक्त में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है और इसकी कमी से थकान और ऊर्जा के स्तर में कमी हो सकती है. शिशु के मस्तिष्क और शरीर को विकसित होने के लिए लोहे और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. लोहे का सबसे अच्छा स्रोत दुबला मांस है. हरी पत्तेदार सब्जियां, पकी हुई फलियां, और मटर भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं. अन्य खाद्य स्रोतों में शामिल हैं- काजू, बेक्ड आलू, कद्दू के बीज, साबुत अनाज और फ्लैक्ससीड्स. सब्जियों से अधिक लोहे को अवशोषित करने के लिए, विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं जैसे कि खट्टे फल, टमाटर या ब्रोकली. चाय और कॉफी आयरन के अवशोषण को कम करते हैं, इसलिए इसका सेवन सीमित होना चाहिए.

4. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ

कैल्शियम जीवन भर एक खनिज है, लेकिन नर्सिंग करते समय, एक महिला हड्डियों के द्रव्यमान का 3-5% खो सकती है और यह खनिज सभी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. स्तनपान कराने वाली मां के लिए प्रति दिन लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आदर्श सिफारिश है. कैल्शियम बच्चे की हड्डी, दांत और मांसपेशियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और यह माताओं के लिए हड्डियों से संबंधित विकारों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस के भविष्य के जोखिम को रोकता है. कैल्शियम के आहार स्रोतों में शामिल हैं- दूध, घी, छाछ, दही, और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद. यह गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों, सोया उत्पादों, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज, क्विनोआ, रागी, छोले, और कुछ दालों में भी पाया जाता है.

5. गैलेक्टागोग्स

स्तन के दूध की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की जाने वाली किसी भी जड़ी-बूटी, भोजन या दवा को गैलेक्टागॉग के रूप में जाना जाता है. कुछ प्रकार की प्राकृतिक जड़ी बूटियों का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है ताकि महिलाओं को अपने दूध की आपूर्ति को बढ़ावा देने में मदद मिल सके. प्राकृतिक गलाकाटोग्यूज़ में शामिल हैं- साबुत अनाज जैसे जई और जौ, अजवाईन के बीज, दूध थीस्ल, डिल हर्ब, गहरे हरे पत्ते वाली सब्जियां, सौंफ के बीज, लहसुन, मेथी के बीज, छोले, अदरक, पपीता, नट्स, और बीज.

Friday, July 17, 2020

ICDS CAS LS CCZ File Offline Install

Commcare LTS में ICDS CAS को CCZ file से Offline Install करे.
CommCare LTS Application में ICDS CAS LS CCZ फॉइल Download कैसे कर सकते है 

Ø  आंगनबाड़ी कार्यकत्री स्मार्ट फ़ोन में जब CommCare LTS Application को Install करेगी तब आपको ICDS-CAS_LS_Hindi.ccz फाइल की जरूरत होगी |

Ø ICDS CAS को लोगिन कोड (Code ) से चालू नहीं कर सकते है |

Ø  Commcare LTS में icds CAS को ICDS-CAS_LS_Hindi_CCZ फाइल आसानी से Offline Install कर सकते हो |

Ø  यह फाइल 131.46 MB की बड़ी फाइल है. यह ICDS-CAS_LS_Hindi_CCZ फाइल हिन्दी भाषा में है |

Ø  इसको डाउनलोड करने केे लिए आपको Download पर क्लिक करना होगा|



Download


यह फाइल को डाउनलोड करने के लिए आपका नेट फास्ट चलता हो तभी इस फाइल को आसानी डाउनलोड कर सकते हो | नहीं तो बहुत समय लग सकता है |

Saturday, July 04, 2020

NHM और ICDS के कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर

सभी प्रश्नों के मान बराबर है!   

           समय:-02 घंटे!

घर से अपनी वेबसाइट होस्ट करें


01)BCG का फुल फॉर्म क्या होता है।
*Ans- bacillus calmette-guerin.*

02)टिका और मेडिसिन में क्या अंतर है।
Ans:-वैक्सीन रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पहले दिया जाता है।
     और मेडिसिन बीमारी होने के बाद दिया जाता है।

03)टिकाकरण में कितनी तरह का टीका का प्रयोग किया जाता है!
Ans-11प्रकार!
 01)BCG 2)HepB 03)OPV 04)IPV 05)Penta 06)PCV 07)ROTA, 08)MR,09)JE & 10) DPT,11)TD!

04)कितनी बीमारी से बचने के लिए टिका दिया जाता है। सभी बीमारियों का नाम लिखें।
Ans-12 प्रकार!
01)टीबी,02)हेपेटाइटिस-बी
03)पोलियो
04)निमोनिया
05)डायरिया
06)खसरा
07)रूबेला
08)दिमागी बुख़ार
09)पालतुसिस
10)डिप्थीरिया
11)टेटनस
12)हिब इंफेक्शन

05)पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत कब हुई।
24 दिसम्बर 1995

06)AFP का फुल नाम क्या है।
*Ans- acute flaccid paralysis.*

07)AEFI का पूरा नाम बताएं।
*Ans- adverse event following immunization*

08)05 साल में विटामिन A की कितनी खुराक दी जाती है।
Ans-09 बार

09)क्रम से प्राम्भ की गई वर्ष का नाम लिखें।
01)पेंटावैलेंट-07 जनवरी 2015 
02)IPV-11 दिसंबर 2015
03)fIPV- 01मार्च 2017
04)PCV-17july 2017
05)RVV-05 September 2019.
06)TD-20 July2019

10)IPV एव fIPV में क्या अंतर है।
Ans:-IPV  का dose 0.5ml है और यह टिका 3rd dose के साथ दिया जाता था। लेकिन fipv विभाजित dose है, इसे first dose एवं 3 rd dose OPV  के  साथ 0.1ml Ad syringe से दिया जाता है।

11)टिकाकरण में कितने   तरह का सिरिंज इस्तेमाल किया जाता है।नाम सहित लिखें।
03 प्रकार!
01)0.1ml,
02)0.5ml,
03)5 ml,


12)लेफ्ट आउट एव ड्रॉप आउट को परिभाषित करें।
*लेफ्ट आउट*-ऐसे बच्चे जो अपने जीवन काल मे एक भी टिका नही लिए।
*ड्रॉप-आउट*:-ऐसे बच्चे जिनकी टिकाकरण की शुरुआत हुई, लेकिन उम्र के साथ टिका नही दिया गया। या किसी कारण से बंचित रह गया।


13)DPT का टीका किस बीमारी से बचने के लिए जाता है।एव इसकी शुरुआत किस उम्र के बच्चे से की जाती है।
काली-खांसी,डिप्थीरिया,&टेटनस!
     और इसे 01 साल के बाद शुरू की जाती है।
(नोटः-लेकिन नेपाल में पेंटा नही होने के कारण 1.5 माह पर ही शुरू की जाती है)

14)MR का टीका टिकाकरण में कब शामिल किया गया।एव टिकाकरण में इस टिके को कितने वर्ष के बच्चे से प्रारम्भ किया जा सकता है।
Ans:-(26 नवम्बर 2018),(चूंकि MR का campaign मार्च 2018 में ही होना था, लेकिन किसी कारण बस नही हो सका, और निर्माता कंपनी ने मार्च के पर्याप्त दवा निर्माण कर लिया और खसरे के वैक्सीन निर्माता को रोक दिया गया, इस कारण खसरा का vials समाप्त हो गई। इस कारण 26 नवम्बर से ही टिकाकरण में प्रयोग किया एव 15 जनवरी 2019 में compaign हुआ।

15) एक वर्ष में एक बच्चे को कितनी टिका लगाई जाती है।
Anm-19 टिका

16)जिंक की गोली किस बीमारी से बचाव के लिए दिया जाता है।एवं इसका सेवन कैसे किया जाता है।

Ans-दस्त से बचाव के लिए दिया जाता है।
01 जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी में या मां के दूध में घोलकर 14 दिनों तक पिलाया जाता है।

17) Anm-किट में कौन-कौन उपकरण रहता है।सभी उपकरण का नाम लिखें।
(आई0एफ0ए0 एवं कैल्शियम टैबलेट,परिवार नियोजन किट,(ex.छाया टैबलेट, माला-एन, इसीपिल, कंडोम्स, निश्चय किट,).

01)बीपी मशीन,
02)स्टैथोस्कोप,
03) थर्मामीटर ,
04)वजन मशीन(वयस्कों के लिए).
05)वजन मशीन (बच्चों का लिए)
06)फ़िटोसकोप
07)MUAC टेप 
08)ऊंचाई मापने वाला टेप,
09)फंडल टेप
 10)हिमोग्लोबीनोमीटर 11)यूरिन एल्बुमिन किट
12) ग्लूकोमीटर,
13) निश्चय किट ,
14) मेजपोश
 15)बेडशीट या चादर पर्दा 
16)हब कटर।

18)टिकाकरण में किस प्रकार का आइस पैक उपयोग की जाती है।
Semi-forozen
अर्ध मिश्रित जमा हुआ।

19) यदि कोई बच्चा अपनी पहली जन्मदिन के 05 दिन पहले आपके टिकाकरण सत्र पर आती है, और टिका के लिए आग्रह करती है,आपके द्वारा कौन सा टिका दिया जाएगा।क्रम से लिखें।

Ans- *BCG, OPV, RVV, fipv, PCV, Penta, MR1 & JE1.*

20) OPEN Vials policy किस वैक्सीन पर लागू नही होता है। सभी का नाम लिखें।
Ans:- *BCG, MR, JE,RVV*

21)गर्भवती महिलाओं में ख़तरे के लक्षण कौन-कौन से है।
01) अत्यधिक रक्तस्राव.
02)शरीर मे खून की कमी!
03)गर्भावस्था या प्रसव पश्चात 01 महीने के अंदर तेज बुख़ार।
04)दौरे पड़ना,धुंधला दिखाई देना, सिर दर्द, उल्टी, या पूरे शरीर मे सूजन।
05)बच्चे का कम घूमना,
06)प्रसव पीड़ा के पहले थैली का फट जाना।

22)नवजात शिशु में ख़तरे के कौन-2 लक्षण होते है।लिखें।
01) मां का दूध ना पी पाना,02) दौरे पड़ना,ऐंठन,03) सांस की गति 60 प्रति मिनट से ज्यादा 04) सांस लेते समय छाती का धसना।हलचल नही होना।

23)तपेदिक बीमारी से बचने के लिए बच्चों को कौन-सा टिका दिया जाता है।एक बच्चे के लिए कितनी मात्रा एव कितनी बार दी जाती है।
Ans-टीबी,
इसकी दो dose होती है।
01)0-15 दिन के बच्चे को  0.05ml दी जाती है।
02)15 दिन से 01 वर्ष के बच्चे को 0.1ml दी जाती है।
    इसका 01 dose ही होता है,और 01 साल के अंदर ही देना है।

24) टिकाकरण के मुख्य चार संदेश कौन से है।क्रम से लिखें!

01) कौन सी वैक्सीन दी गई है और किस रोग से बचाव करती है।
02) अगले दिन के लिए कब और कहां आना है।
03) कौन से प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं,और उनका कैसे निदान करें।
04) टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखें एवं जिसे अगले टीकाकरण के समय साथ लाए एवं यात्रा के दौरान साथ रखें।

25)सघन मिशन इंद्रधनुष किन क्षेत्रों में आयोजित किये जाते है।
दुर्गम क्षेत्रों मे, VPD सस्पेक्टेड बच्चे जिस क्षेत्र में मिले हो। या उस क्षेत्र के बच्चे पिछले 03 माह से छूट जा रहे हो।

26)सघन मिशन इंद्रधनुष एव नियमित टिकाकरण में क्या अंतर है।
Ans-सघन मिशन इंद्रधनुष छूटे हुए बच्चे के लुई करते है। जबकि नियमित टिकाकरण प्रत्येक महीने के निर्धारित तिथि को करते है।

27)परिवार नियोजन के स्थायी साधन एव अस्थाई साधन क्या -क्या है। नाम बताएं।
Ans-बंध्याकरण स्थायी साधन है लेकिन अस्थाई साधन के माला-एन, छाया, अंतरा, एव कंडोम्स इत्यादि।

28)घर पर सुरक्षित प्रसव के लिए क्या-क्या तैयारी करनी होती है।
01)स्वच्छ स्थान एव वातावरण।
02)स्वच्छ ब्लेड,नाभिनाल,
03)नाल बंधने के लिए स्वच्छ धागा।
04) नवजात शिशु के लिए स्वच्छ वस्त्र।
05)प्रशिक्षित दाई।

29)डियूलिस्ट एव सर्वे रजिस्टर में क्या अंतर है।
Ans-डियूलिस्ट में सभी बच्चे एव गर्भवती की सूची होती है जिनका आयोजित सत्र के दिन टिका पड़ना है।
   सर्वे रजिस्टर में आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पोषक क्षेत्र के प्रत्येक परिवार की उपस्थित गर्भवती महिला, योग्य दंपति, एव 0 से 05 साल के बच्चे की सूची होती है।

30)आदर्श आरोग्य दिवस सत्र पर anm के पास क्या -क्या रहना चाहिए।

आदर्श आरोग्य दिवस सत्र पर  ये सभी उपकरण  रहना चाहिए।

*आरोग्य दिवस के दिन वैक्सीन लॉजिस्टिक के आलवां इन सभी का रहना जरूरी है।*
(आई0एफ0ए0 एवं कैल्शियम टैबलेट,परिवार नियोजन किट,(ex.छाया टैबलेट, माला-एन, इसीपिल, कंडोम्स, निश्चय किट,).

01)बीपी मशीन,
02)स्टैथोस्कोप,
03) थर्मामीटर ,
04)वजन मशीन(वयस्कों के लिए).
05)वजन मशीन (बच्चों का लिए)
06)फ़िटोसकोप
07)MUAC टेप 
08)ऊंचाई मापने वाला टेप,
09)फंडल टेप
 10)हिमोग्लोबीनोमीटर 11)यूरिन एल्बुमिन किट
12) ग्लूकोमीटर,
13) निश्चय किट ,
14) मेजपोश
 15)बेडशीट या चादर पर्दा 
16)हब कटर,


31)MCP कार्ड का पूरा नाम लिखें!
Mother child protection Card.
Anm- मदर चाइल्ड सुरक्षा कार्ड।

32)RCH का पूरा नाम लिखें।
Ans- रीप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ!


33)VHSND का पूरा नाम लिखें।
 Ans- *village health sanitation nutrition day.*
(ग्रामीण स्वच्छता पोषण दिवस)

34)NCD का पूरा नाम लिखें।
Ans- *non communicable diseases.*

35) RCH में कितने पार्ट होते है।किस पार्ट में कौन-सी जानकारी लेते है।
Ans-03 पार्ट होते है।
प्रथम भाग में योग्य दंपति संबधी सूचना!
द्वितीय भाग में परिवार नियोजन संबंधी जानकारी!
तृतीय भाग में गर्भवती का पूर्ण विवरण होता है।

36) स्वास्थ्य उपकेंद्र पर कौन-कौन से रजिस्टर होते है।सभी का नाम लिखें।
01) उपस्थिति पंजी
02)OPD रजिस्टर
03)ANC जांच रजिस्टर
04)स्टॉक रजिस्टर,
05)इंडेंट रजिस्टर
06)निरीक्षण पंजी
07)शिकायत पंजी

37)किस-2 वैक्सीन पर VVM  नही होता है!
Ans:- *सभी Vaccine पर VVM होता है!*

38)VVM का पूरा नाम बताएं।
Anm- *Vaccine Vial Monitor*

39)एनाफ्लेक्सिस किट में क्या-2 होता है।
01)03 amp अडलिरिन,
02)dose का विवरण
03)इंसुलिन या ad सिरिंज।
04)Dexona-Injection,
05)Avil-Injection,

40) निमोनिया के लक्षण क्या होते है।
खांसी का बढ़ना, तेजी से सांस लेना,सांस लेते समय छाती का धसना,


41) संचारी रोग एवं गैर संचारी रोग को परिभाषित करें।
संचारी रोग एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है, एवं गैर संचारी रोग नही फैलता है।

42)नियमित टिकाकरण में लाल और काला थैला का क्या उपयोग है।
 सत्र स्थल पर उपयोग होने वाले कचरा के लिए उपयोग किया जाता है,
लेकिन लाल बैग में ख़तरे वाली चीज रखी जाती है, जिससे चुभने काटने की संभावना होती है। लेकिन काला बैग में सामान्य चीजो को रखा जाता है।

43)पूर्ण टिकाकरण एव सम्पूर्ण टिकाकरण को परिभाषित करें।
*पूर्ण टिकाकरण*-जन्म से लेकर 01 वर्ष की आयु में  सभी लक्षित टिका से प्रतिरक्षित बच्चे को पूर्ण प्रतिरक्षण कहां जाता है।
*सम्पूर्ण टिकाकरण*-जन्म से 02 तक तक सभी लक्षित टिका से प्रतिरक्षित बच्चे को पूर्ण प्रतिरक्षित कहा जाता है।
44)कोविड-19 के मुख्य लक्षण क्या है!एव इससे बचने का उपाय क्या है।
Ans-तेज बुखार के साथ,सुखी खांसी, सांस सम्बंधित शिकायत,बदन दर्द,।
उपाय-मास्क प्रयोग, बार-बार हाथ धोना,01 मीटर की दूरी बनाकर रहना।

45)एक टिका से दूसरे टिका में कितने दिन का अंतर होना चाहिए।
Ans-28, दिन /04 सप्ताह का अंतर होता है!
    

46) निम्न टिका का देने का रूट, साइट, एवं कोण बताएं!
BCG- intradamal, left Arms- 15°
Penta- Muscular-Left thaigh-90°
PCV- Muscular-Right thigh-90°
fipv-intradarmal-Right Arms,15°
DPT- Muscular-Left thigh-90°
MR-Scutenious-45°- Right Arms
JE-Scutenious-left arms-45°
TD-Muscular-Left Arms-90°
OPV-Oral-Mouth-60°

47) खसरे के संदिग्ध मरीज को विटामिन ए की कितनी मात्रा दी जाती है।
0-6माह-50000IU,
9माह से 11माह-100000IU
01 वर्ष से ऊपर-200000IU.


48)पूरा नाम बताएं:-
   ●HBNC- home based newborn care
   ●IFA:- iron folic acid
   ●ANC:- ante netal checkup
   ●PCV:- pneumococcal conjugate vaccine
   ●RVV:- rotavirus vaccine
    ●Asha-Accredited social health Avtivitis.
    ● AVD:- alternate vaccine delivered
     ●LMP:- last maturation period
    ● EDD:- expected date of delivery
    ●Anm:- Axuallray nurse hand midwifery

49) खसरा-रूबेला की पहचान एव लक्षण क्या है!
खसरा- किसी भी उम्र के व्यक्ति को जिसे बुख़ार, के साथ आंख लाल होना, नाक से पानी आना, एव पूरे शरीर मे घमौरी वाला दाना होना खसरे के मुख्य लक्षण है।
 रूबेला-आमतौर पर बच्चों में होने वाला बीमारी है।परंतु गर्भावस्था के शुरुआती में इसका संक्रमण होने पर स्वतः गर्भपात, भ्रूण मृत्यु,जन्म, एव बच्चे में गंभीर जन्मजात दोष।

50)स्वास्थ्य उपकेन्द्र के अंतर्गत कितनी तरह की बैठक की जाती है।सभी का नाम लिखें!
01)स्वास्थ्य उपकेंद्र की बैठक,
02) सेक्टर बैठक,
03)VHSND बैठक!
04)VHSNC बैठक!
05)सास-बहू सम्मेलन!
06)माता बैठक!
Wednesday, June 10, 2020

कोविड-19 एवं सीजनल फ्लू, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं, इन्हें कुछ सावधानियों से पहचान सकते हैं

कोविड-19 एवं सीजनल फ्लू, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं, इन्हें कुछ सावधानियों से पहचान सकते हैं

कोविड-19 का दौर ही चल ही रहा है कि सीजनल फ्लू का भी मौसम आ गया। दोनोंं बीमारियां अलग हैं, लेकिन कई लक्षण एक जैसे ही हैं। इससे लोग समझने में भी गलती कर रहे हैं कि उन्हें हुआ क्या है? कोरोनाया फिर फ्लू?
एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि कन्फ्यूजन होना लाजिमी है, क्योंकि दोनों के बीच बहुत मामूली अंतर है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में रुमेटोलॉजी डिपॉर्टमेंट में एचओडी डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि कोरोना और सीजनल फ्लू के लक्षण को समझाने से पहले लोगों को एक डिस्क्लेमर देना जरूरी है। ताकि वे इन्हें पहचानने में गलती न करें।
डॉ. उमा बताती हैं किकोविड-19 और सीजनल फ्लू के के सिम्पट्म्स एक-दूसरे को ओवरलैप करते हैं। इसलिए दोनों में अंतर करनाकभी-कभी मुश्किल हो जाता है। अभी कोरोना महामारी चल रहीहै, इसलिए इस बात का डायग्नोसिस में ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।

  • कैसे पहचानें?

अगर बाहरी एक्सपोजर नहीं हैतो कोरोना नहींफ्लू ही होगा
भोपाल में ईएनटी स्पेशललिस्ट डॉ. संजय जैन बताते हैं कि कोरोनावायरस के सिम्पट्म्स और सीजनल फ्लू में बहुत मामूलीअंतर होता है। एक आम आदमी के लिए इसमें अंतर करना बेहद समझदारी वाला काम होगा। कोरोना के लक्षण ज्यादातर गले ओर सीने से जुड़े होते हैं। इसमें डायरिया भी हो सकता है। फ्लू में ज्यादातर सिम्पट्म्स नाक से जुड़े होते हैं। फ्लू में गले में दर्द होना जरूरी नहीं। बलगम आ सकता है। अगर आपका कोई बाहरी एक्सपोजर नहीं हैतो फ्लू ही होगा।

  • क्या सावधानी रखें?

ठंडी चीज न खाएंताकि गला खराब न हो
दोनों ही बीमारियों की एक जैसी स्थिति है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। डॉ. उमा के मुताबिक कोविड-19 की तरह ही और भी छोटे कोरोनावायरस वातावरण में हैं, जिनसे छोटा-मोटा कफ-कोल्ड होता रहता है और वह ठीक भी हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि ठंडी चीज न खाएं, ताकि गला खराब न हो। यदि गला खराब होता है, तो किसी भी इन्फेक्शन के अंदर जाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए गर्म पानी पीते रहें, इससे आराम मिलता रहेगा।

कोशिश करें कि सांसों के ड्रॉप्लेट्सवातावरण में न जाएं
आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपके परिवार या आसपास मौजूद लोगों को बीमार कर सकती है। इसलिए इससे बचें। डॉ. उमा कहती हैं कि छींक या खांसीआए तोमुंह पर कपड़ा जरूर रखें, यदि कपड़ा न हो तो कोहनी का इस्तेमाल कर लें, ताकि ड्रॉप्लेट्स वातावरण में न जाएं। क्योंकि इनकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है। फ्लू में भी मास्क पहननाजरूरी होता है। कोरोनावायरस के आने से पहले भी फ्लू के मौसम में डॉक्टर्स भी मास्क पहना करते थे।

  • किसका कितना असर?

कोरोना की इन्फेक्टिविटी बहुत ज्यादा होती है
डॉ. उमा कहती हैं कि कोरोनावायरस की इन्फेक्टिविटी बहुत ज्यादा होती हैयानी एक इंसान से दूसरे इंसान में इस वायरस के पहुंचने की क्षमता बहुत अधिक है। फ्लू की इनेफ्टिविटी कोरोना के मुकाबले काफी कम होती है।

  • क्या हर किसी को कोरोना टेस्ट कराना जरूरी?

रेड जोन में नहीं रहते हैं तो टेस्ट की जरूरत नहीं
डॉ. संजय कहते हैं कि हर फ्लू के मरीज को कोरोना का टेस्ट कराना बिल्कुल जरूरी नहीं है। टेस्ट तब कराना चाहिए, जब आपका बाहरी एक्सपोजर बहुत ज्यादा हो। आप कहां आते-जाते हैं, किस एरिया में रहते हैं, क्या रेड जोन में रहते हैं?इन सब बातों का एक मरीज को खुद एनालिसिस करके ही कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए। उसे खुद ही पता चल जाएगा, क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

  • फ्लू को हल्के में क्यों न लें ?

अमेरिका में फ्लू से हर साल 24 से 62 हजार लोगों की मौत होती है
फ्लू को भी हल्के में लेने की गलती न करें। क्योंकि आंकड़े हमें अलर्ट करते हैं। अमेरिका में हर साल फ्लू से हजारों लोगों की मौत होती है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सीडीसी के मुताबिक यूएस में हर साल 3.9 करोड़ से 5.6 करोड़ लोग फ्लू से बीमार होते हैं। इनमें से 24 हजार से 62 हजार लोगों की जान जाती है। यह आंकड़े सिर्फ वहां अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों के हैं।

  • आंकड़े क्या कहते हैं?

कोविड-19, फ्लू की तुलना में ज्यादा आसानी और तेज गति से फैलता है
1- दोनों बीमारियों के आंकड़े चौंकाते हैं। सीडीसी के मुताबिक कोविड-19 और फ्लू दोनों रेस्पिरेटरी (सांस या श्वसन तंत्र से जुड़ी) बीमारियां हैं। लेकिन कोविड-19 फ्लू नहीं है। रिसर्च के मुताबिक कोविड-19फ्लू की तुलना में ज्यादा आसानी और तेज गति से फैलता है।
2- कोरोना की मृत्युदर भी फ्लू से ज्यादा है। अमेरिका में फ्लू से मृत्युदर 0.1% है, जबकि कोविड-19 की मृत्युदर 6% है। वैज्ञानिक अभी यह खोजने में लगे हैं कि कैसे कोविड-19 और फ्लू के सिम्पट्म्स में बेहतर अंतर बताया जा सके।
3- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया में फ्लू से हर साल 2.90 लाख से 6.50 लाख लोगों की जान जाती हैजबकि कोरोनावायरस से अब तक दुनिया में 4 लाख लोगों की जान जा चुकी है।

  • डर को कैसे दूर करें?

सावधानी रखें, घर से बाहर कम निकलें, हाथ धोतेरहें
डॉ. उमा के मुताबिक दोनों ही स्थितियों में डरने की जरूरत नहीं है। हमें बसबेसिक बातों का ख्याल रखना होगा, जैसे घर से बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकलें, हाथ नियमित अंतराल पर धोते रहें। कोरोनावायरस से भी 95-96 फीसदी लोग ठीक होते जा रहे हैं। 80 फीसदी लोगों को हॉस्पिटल में भी एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ती है। सिर्फ 15 फीसदी लोगों को ही ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। बाकी लोग खुद को घर में ही आइसोलेट करके ठीक हो सकते हैं, बशर्ते वे दूसरे से दूर रहे हैं।

कोरोनावायरस वाली सारी सावधानी फ्लू के मरीज को भी रखना जरूरी

  • बडोदरा स्थित गुजरात रिफाइनरी हॉस्पिटल में सीएमओ डॉ. हिमांशु पांडेय कहते हैं कि कोरोना और फ्लू में अंतर करना बहुत मुश्किल काम है। वैसे तो यह बिना टेस्ट का पता नहीं चल सकता है। लेकिन यदि लगातार बुखार आ रहा है, गले में ज्यादा तकलीफ है, खांसी आ रही है, सीने में दर्द है तो कोरोना के सिम्पट्म्स हो सकते हैं।
  • यदि बुखार या बलगम आ रहे हैं तो फ्लू संभव है। फ्लू में सीने या गले में दर्द नहीं होता है।कोरोनावायरस वाली ही सारी सावधानियां एक फ्लू मरीज को भी रखना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग करना और मास्क पहनना बहुत जरूरी है। यदि आप के पास कोई बिना मास्क पहनकर बात कर रहा है तो उसे बात न कर दें।

युवा कोरोना का बिल्कुल हल्के में न लें

  • डॉ. उमा कहती हैं कि कुछ स्टडी में यह देखने को मिला है कि बहुत से लोगों को पता ही नहीं था कि उनमें कोरोना के सिम्पट्म्स हैं और वे दूसरों में वायरस फैला रहे थे। ऐसा कोई भी व्यक्ति एक से दो हफ्ते तक वायरस को स्प्रेड करते रहता है और उसे मालूम भी नहीं चलता है। इसलिए हल्के सिम्पट्म्स होने पर भी खुद को आइसोलेट करें।
  • कोरोना को हल्के में बिल्कुल न लें। खासकर युवा, जिन्हें लगता है कि उन्हें यह वायरस नहीं होगा। यदि मान भी लो कि वे बच जाएंगे, लेकिन उनके घर में बुजुर्ग हो सकते हैं, डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के मरीज हो सकते हैं, ऐसे में उन्हें ध्यान रखने की जरूरत है।


Thursday, June 04, 2020

जूम क्लाउड मीटिंग एप्प क्या है? और कैसे इस्तेमाल करते हैं?

जूम क्लाउड मीटिंग एप्प क्या है? और कैसे इस्तेमाल करते हैं? 

Zoom Cloud Meeting App : हेल्लो दोस्तों एक बार फिर से आपका हमारे नये पोस्ट में स्वागत हैं. यदि आप घर से काम करते हैं, तो आपने Zoom App का नाम तो सुना ही होगा. Zoom App अपनी सिक्यूरिटी को लेकर काफी चर्चा में हैं.  लेकिन क्या आप जानते हैं  Zoom App Kya Hain? और इसे कैसे इस्तेमाल (How to use Zoom App) करें.


जब से कोरोना वायरस आया हैं, तब से पूरी दुनिया अपने घरो में कैद हैं. सरकार  ने लोगों को घर से काम {Work From Home} करने और स्थिति बेहतर होने तक घर में ही रहने के लिए कहा है. सरकार ने स्कूल और कॉलेज की पढाई को भी ऑनलाइन कर दिया हैं. ऐसे में विडियो कालिंग ऐप काफी ज्यादा उपयोगी साबित हो रहे हैं.

जूम क्लाउड मीटिंग एप्प क्या है? 

Zoom App जिसे Zoom cloud meeting app के नाम से भी जाना जाता हैं  जो कि एक वीडियो कॉलिंग ऐप हैं. इस एप्लीकेशन के द्वारा एक समय में एक साथ 100 व्यक्तियों के साथ  Video Call Meeting की जा सकती हैं. इस एप का यूजर इंटरफ़ेस काफी सरल हैं जिसे इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नही होती हैं. 

Zoom cloud meeting app उच्च गुणवत्ता वाले एचडी वीडियो और ऑडियो चैट और स्क्रीन शेयर जैसी सुविधाओं के लिए जाना जाता है। आप ऐप में साइन इन किए बिना भी जूम मीटिंग में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अगर आप वीडियो कॉन्फ्रेंस को होस्ट करना  चाहते है तो इसके लिए आपको साइन अप करना पड़ेगा. इसका उपयोग प्रशिक्षण कक्ष, कार्यकारी कार्यालयों और कक्षाओं में किया जाता है.

Zoom App Download कैसे करें

Zoom App को डाउनलोड करना काफी आसान हैं. यह एप्लीकेशन आपको प्ले स्टोर पर मिल जाती हैं. इसके लिए आप प्ले स्टोर में Zoom App लिख कर सर्च कर सकते हैं. सर्च लिस्ट में सबसे उपर Zoom Cloud Meeting App के नाम से मिल जायेगी. अब इस पर क्लिक करके इन्स्टाल कर ले या फिर आप निचे दिए गए Download Now पर क्लिक करके भी इसे इनस्टॉल कर सकते हैं

Zoom app में Account कैसे बनाये

एक बार एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद जब हम इसे ओपन करते हैं तो हमारे सामने तीन आप्शन होते हैं. जिसमें Join a Meeting, Sign up और  Sign in option होते हैं। अगर आपके पास पहले से चल रही किसी मीटिंग की ID है तो आप Join a Meeting का यूज़ करके उसे ज्वाइन कर सकते हैं. Zoom App में अपना Account बनाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.

  • सबसे पहले Zoom ऐप को ओपन करके Sign up बटन पर क्लिक करें.
  • अब एक फॉर्म ओपन होगा जिसमे आपको अपना E-mail, First Name और Last Name भरना हैं.
  • इसके बाद आपको  I agree पर Check Mark लगाकर Next वाले Button पर click कर दे.
  • अब आपके ईमेल पर एक मेल आएगा जिसे ओपन करें और Activate Account पर click कर दे.
  • इस पेज पर आपको Strong Password Create करना हैं. इसके बाद  Continue पर click कर दे.

Finally आपका Account बन चुका हैं और आपको अपने एप को ओपन करके Sign In कर लें.

Zoom App कैसे इस्तेमाल करें

How to use Zoom App: इस एप का होम इंटरफ़ेस काफी सरल हैं जिसकी वजह से कोई भी इसका यूज़ कर सकता हैं. ऐप में  लॉग इन होने पर कुछ इस प्रकार के आप्शन देखने को मिलेंगे.


New meeting: इस आप्शन का यूज़ करके आप खुद नई मीटिंग क्रिएट कर सकते है।

Join : इस आप्शन के द्वारा आप पहले से चल रही किसी मीटिंग को ज्वाइन कर सकते हैं. इसके लिए आपको मीटिंग  Id की जरूरत होती हैं जिसने ये मीटिंग बनाई हैं.

 इस प्रकार से आप मीटिंग मे जॉइन कर सकते है। जॉइन मीटिंग मे क्लिक करके आपको पासवर्ड डालना होगा जो इस प्रकार हैं। 

 🆗 पर क्लिक करते ही आप मीटिंग मे जुड़ जायेगे. 

Schedule:  Zoom  App में यह आप्शन बड़े काम का हैं. इसमें आप Meeting को किसी भी दिन या तारीख पर अपने हिसाब से Schedule कर सकते हैं. इससे फायदा ये होता हैं कि अगर आप मीटिंग के बारे में पहले से बता दे तो सभी सदस्य उसे ज्वाइन कर सकते हैं.

Share Screen: इस आप्शन के द्वारा आप अपनी Screen को दुसरो के साथ Share भी कर सकते है.

Final Word:

तो दोस्तों आज हमने जाना Zoom Cloud Meeting App Kya Hai और इसका इस्तेमाल कैसे करें. हमे उम्मीद हैं अब आपको Zoom App के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी. यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो आप इसे Facebook,Whatsapp या Twitter पर शेयर करके इसे और अधिक लोगों तक पहुचाने में हमारी मदद करें। यदि आपके मन में Zoom App को लेकर किसी भी  प्रकार का कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। हम जल्द ही आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगें।


धन्यवाद!

Sunday, May 31, 2020

कोरोना वायरस से संबंधित यह जानकारी होना बहुत आवश्यक है


यदि आपने अभी कुछ दिनों के समाचार सुने है , तो आपने चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के बारे में सुना होगा, जो तेजी से दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल रहा है। कल, भारत में कोरोनोवायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई, एक छात्र जो इस बीमारी के केंद्र , चीन में वुहान नामक स्थान से लौटा है।

31 जनवरी 2020 तक, दुनिया भर में कोरोना वायरस के 9,700 से अधिक पुष्टि मामले हैं, उनमें से अधिकांश मुख्य भूमि चीन में हैं। भारत सहित 22 देश अब तक इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, और 200 से अधिक लोग अब तक इस बीमारी के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं। (स्रोत: सीएनएन)

इन नंबरों के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 30 जनवरी 2020 को कोरोनवायरस को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। इसका मतलब है कि मुख्य रूप से दो बातें – 1) इस वायरस के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने की संभावना है और 2)  विश्व के सभी देशों को इस बीमारी से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे  ।

अब, जबकि इससे समस्या की गंभीरता का संकेत मिलता है, घबराने की जरूरत नहीं है। हम जानते हैं कि जानकारी की कमी घबराहट को बढ़ा देती है, इसलिए आज हम कोरोनवायरस क्या है और इसके बारे में हमें क्या करना चाहिए, इसके बारे में थोड़ा और समझने की कोशिश करेंगे।

नॉवेल कोरोनावायरस क्या है ?


नॉवेल कोरोनावायरस वास्तव में वायरस के एक ऐसे समूह से सम्बन्ध रखता है, जो पक्षियों और स्तनधारियों को प्रभावित करता है। इस समूह के छह वायरस इंसानों को संक्रमित करने के लिए जाने जाते हैं। इस समूह में अन्य वायरस जिनके बारे में हमने सुना है, वो  SARS और MERS  हैं। वर्तमान प्रकोप 2019-nCoV का है, जिसे नोवेल कोरोनावायरस या वुहान कोरोनावायरस के रूप में भी जाना जाता है।

नॉवल कोरोनावायरस को इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह हमारे लिए अपेक्षाकृत नया है। ऐसा माना जाता है कि यह वुहान के मांस और समुद्री भोजन के बाजार में उत्पन्न हुआ था, जो विभिन्न प्रकार के जीवों – मुर्गियों, खरगोशों, मर्मोट्स, चमगादड़ और सांपों के जीवों से संबंधित है। इनमें से कोई भी जानवर मौजूदा प्रकोप का स्रोत हो सकता है.

यह कोरोनोवायरस जूनोटिक है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। वायरस के तेजी से फैलने से साबित होता है कि यह मानव से मानव में भी फैल सकता है। अब तक के मामलों से पता चलता है कि निम्नलिखित लोग कोरोनोवायरस के प्रति अधिक संवेदनशील हैं:

  • किसी भी तरह की हृदय के रोग से ग्रसित व्यक्ति
  • ऐसे व्यक्ति जिनकी रक्त वाहिकाओं को हार्ट अटैक या किसी अन्य दिल कि समस्या के कारन नुकसान पहुंचा हो।
  • लंबे समय तक धूम्रपान करने वाले व्यक्ति
  • कमजोर फेफड़े वाले व्यक्ति
  • मधुमेह से ग्रसित
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग

कोरोनावायरस तरल पदार्थ के माध्यम से शरीर के अंदर जाता है। जब एक संक्रमित व्यक्ति छींकता है या खांसी करता है, तो लार या बलगम की छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं। वे आस-पास किसी पर भी गिर सकते हैं, ये सीधे साँस के जरिये शरीर के अंदर जा सकती है , या जब व्यक्ति अपने मुंह या चेहरे को छूता है तो शरीर के अंदर ट्रांसफर हो जाती है। 

ट्रांसमिशन का एक और मोड सतहों के माध्यम से है, जैसे बस सीटें,  या डेस्क, हालांकि यह केवल तब हो सकता है जब वायरस ऐसी सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है। इस संबंध में कोरोनोवायरस के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है।

कोरोनावायरस के लक्षण 


नॉवेल कोरोनावायरस संक्रमण एक साँस से सम्बंधित संक्रमण के समान है। यह निम्नलिखित लक्षण दिखाता है, जो आमतौर पर सूचीबद्ध क्रम में दिखाई देते हैं:
  • बुखार
  • सूखी खाँसी
  • गले में खराश
  • साँस लेने में दिक्कत
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सरदर्द

जैसा कि आप देख सकते हैं, ये लक्षण सामान्य खांसी और सर्दी के समान हैं। अब तक, नया वुहान कोरोनावायरस सार्स या मर्स जैसे पिछले कोरोनवायरस के प्रकोपों ​​के समान घातक नहीं है। हालांकि, कुछ मामलों में लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जिससे निमोनिया हो सकता है और मृत्यु  भी हो सकती है।

कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज़ 

अब तक, नोवेल कोरोनवायरस के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, और इसका उपचार लक्षणों के प्रबंधन पर आधारित है। चूंकि लक्षण सर्दी खांसी से मिलते जुलते हैं, इसलिए उपचार भी उसी तरह से होता है:

  • बुखार या गले में खराश के लिए ओटीसी दवाएं
  • तरल पदार्थ पीना
  • जकड़न को दूर करने के लिए ह्यूमिडिफायर

कुछ मामलों में, डॉक्टर एंटीवायरल दवा लिख ​​सकते हैं।

कोरोनावायरस की इन्क्यूबेशन अवधि – संक्रमण और लक्षणों की उपस्थिति के बीच का समय – 1-14 दिनों के बीच है। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति संक्रामक हो सकता है भले ही वह स्वस्थ दिखाई दे। यही कारण है कि वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए कदम उठाना बेहद जरूरी है।

नॉवेल कोरोनावायरस से बचने के 10 उपाय 


चूंकि नॉवल कोरोनावायरस काफी नया है और अभी इसके लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है इसलिए संक्रमण को फैलने से रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए हमें किसी भी संक्रमित व्यक्ति को दूसरों के संपर्क में आने से रोकने की जरूरत है।

सरकार ने चीन के सभी यात्रियों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है ताकि खुले में घूमने से पहले उनकी जाँच की जा सके। संदिग्ध मामलों को निगरानी में रखा जाता है और किसी भी संक्रमण की पुष्टि के लिए परीक्षण किए जाते हैं। यदि परीक्षण सकारात्मक आते हैं, तो मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है और उपचार प्रदान किया जाता है.

जब किसी मरीज को कोरोनावायरस का पता चलता है, तो डॉक्टरों और अन्य अधिकारियों को “कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ’करना पड़ता है, यानी उन सभी लोगों की पहचान करना जो पिछले कई दिनों से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में थे। उन सभी लोगों को सूचित किया जाएगा और साथ ही परीक्षण किया जाएगा।

चूंकि यह एक जटिल प्रक्रिया है, इसलिए यह सबसे अच्छा है अगर हम में से प्रत्येक अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य को सुनिश्चित करे और इन बुनियादी चरणों का पालन करने के लिए कदम उठाता है –

  • साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं
  • खांसी, सर्दी, बुखार या अन्य सांस की बीमारी से ग्रसित किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
  • शादियों जैसे बड़े समारोहों मे जाने से बचे
  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू पेपर से ढकें और इस्तेमाल के तुरंत बाद इसे फेंक दें
  • यदि आपके पास टिश्यू पेपर नहीं है, तो अपनी कोहनी के क्रूक में छींकें
  • मुंह, आंख या चेहरे को छूने से बचें
  • जीवित जानवरों  के बाजारों और चिड़ियाघरो से दूर रहें
  • मांस, समुद्री भोजन और अंडे को अच्छी तरह पकाने के बाद ही सेवन करें

चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिक प्रकोप से लड़ने के लिए टीके और एंटी-वायरल दवाएं बनाने पर काम कर रहे हैं। लोपिनवीर और रितोनवीर दो दवाएं थीं जिन्होंने SARS के साथ काम किया, और वर्तमान में उनका परीक्षण किया जा रहा है।

हर खांसी और सर्दी कोरोनोवायरस संक्रमण का संकेत नहीं है। हालाँकि, यदि आपको बुखार, खांसी या सांस की समस्या है और आप कोरोनोवायरस संक्रमण वाले स्थान से किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो अपने स्थानीय सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

कृपया, कृपया व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर प्रसारित असत्यापित समाचारों पर विश्वास न करें। यह केवल बिना किसी की मदद के दहशत फैलाने का काम करता है। विश्वसनीय स्रोतों से अपनी जानकारी प्राप्त करें और अपने क्षेत्र में नवीनतम जानकारी के लिए अपने स्थानीय सरकारी निकायों के नोटिफिकेशन देखें।

Sources:

WHO Advisory on Novel Coronovirus 2019

Centers for Disease Control and Prevention 2019 Coronavirus

Saturday, May 30, 2020

आयुष कवच ऐप्प कैसे डाउनलोड करें

आयुष कवच ऐप्प कैसे डाउनलोड करें


✎ मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपको मुख्यमंत्री जी द्वारा लांच आयुष कवच अप्प की जानकारी देने जा रहे हैं। यह अप्प आपके लिए बहुत कारगर साबित हो सकता है। आपके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह इस ऐप को लांच किया है सभी देशवासियों के लिए । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि कोरोना वायरस तेजी से विश्व भर में फैल रहा है और विश्व की निगाहें भारत पर है कि कुछ ना कुछ उपाय भारत निकालेगा।

आयुष कवच ऐप्प डाउनलोड करें

✎ तो इसी को ध्यान में रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने इस ऐप को लांच किया है इस ऐप की मदद से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। और फिर कोरोना वायरस से आपका इम्यून सिस्टम लड़ सकेगा और आप इस बीमारी को हरा पाएंगे। इसी के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने यह आयुष कवच ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप हर किसी के लिए बहुत मददगार साबित होने वाला है इसी के साथ योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत कोरोना वायरस को हराएगा और इस बीमारी का इलाज भी निकालेगा।

आयुष कवच ऐप्प कैसे डाउनलोड करें

इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आपको प्ले स्टोर में जाना होगा और वहां पर सर्च बटन में आपको लिखना है आयुष कवच। ऐसा लिखने पर आपके सामने सबसे पहला अप्प आएगा। उस पर जाकर आप आसानी से इस ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। जैसा कि नीचे दिखाया गया है।

यहां पर क्लिक करके डाउनलोड करें

✎ आयुष कवच ऐप्प डाउनलोड करने के बाद उसे रजिस्टर करने की प्रक्रिया नीचे दी गई है, इसे स्टेप बाई स्टेप फॉलो करे जिससे सफलतापूर्वक आपका ऐप्प चालू हो जाएगा।


Ayush Kavach app में आपको आयुर्वेदा के बारे में जानने को मिलेगा जिसमें की आयुर्वेद के तरीकों से कैसे कोरोनावायरस से लड़ा जा सकता है और इम्यून सिस्टम अपना बढ़ाया जा सकता है इसके बारे में बताया गया है। आप यह जानकारी इंग्लिश या हिंदी दोनों में प्राप्त कर सकते हैं।
✎ इसके अलावा गुड लाइफ स्टाइल भी बताया गया है जिसमें जन स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद के बारे में बताया गया है जिसमें कि सुबह उठने पर आपको क्या करना चाहिए और भोजन का सेवन कब करना चाहिए और कौन-कौन से योगाभ्यास करने चाहिए इन सब के बारे में बताया गया है।


अपनी इम्यूनिटी कैसे बढ़ाये जाए आसान तरीकों से इसके बारे में भी बताया गया है। Ayush Kavach app में आप अपनी भौगोलिक स्थिति के अनुसार औषधि देख सकते हैं । जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में आसानी से उपलब्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता के सरल उपाय बताए गए हैं। इसी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आसानी से उपलब्ध के सरल उपाय बताए गए हैं। बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश की स्थिति के अनुसार बताई गई है। मध्य प्रदेश में आसानी से उपलब्ध औषधि जैसे कि मेथी एवं खुरासानी अजवाइन आदि औषधि के बारे में बताया गया है। इस पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं


इसके अलावा कोरोना वायरस से कैसे बच सकते हैं इसके बारे में कोविड-19 के एक ऑप्शन आपको स्क्रीन पर दिखेगा इसमें जाने पर आपको यहां पर कई विकल्प मिल जाएंगे जैसे कि वेटिंग फॉर यू, को रोना, आशु सिटी, अगेंस्ट कोरोनावायरस अपने आप को सेफ रखने के उपाए और सोशल डिस्टेंस के बारे में विस्तार से बताया गया है। इन सब को ध्यान में रखते हुवे दूसरों को भी जानेवारी को बता सकते हैं।


इस Ayush Kavach app के माध्यम से आप एक्सपर्ट से सलाह भी ले सकते हैं। हेल्थ इशू पर जाकर आप सलाह ले सकते हैं आप किसी भी तरह की आप सलाह ले सकते हैं इस ऐप के माध्यम से।


इसमें लाइव योगा सेशन भी दिया गया है जिसमें कि आपको आज के योगासन और अपकमिंग योगासन की जानकारी प्राप्त होगी। जिसमें योगासन और मेडिटेशन के वीडियोस दी गई है। जिनका आप भरपूर उपयोग कर अपना इम्यून सिस्टम बढ़ा सकते हैं। और योगासन आसानी से सीख सकते हैं। इसमें इंट्रोडक्शन दिया हुआ है योगा और योगा उत्तम व्यायाम, संत संचालन, ध्यान लगाना, प्राणायाम करना, वृक्षासन करना, वक्रासन करना, उत्पासन करना आदि योगो के बारे में बताया गया है।

इसके साथ ही इसमें चीफ मिनिस्टर डिस्ट्रिक्ट रिलीफ कोविड-19 गई है जिसके माध्यम से आप सीधे दान दे सकते हैंं। 


इसके अलावा स्टेट कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर के लिस्ट आपको यहां मिल जाएगी। सीएम हेल्पलाइन नंबर, हेल्थ डिपार्टमेंट एवं इंटीग्रेटेड डिजास्टर कंट्रोल सेंटर, आगरा, अलीगढ़ आदि राज्यों की लिस्ट मिल जाएगी। जिन पर आप आसानी से फोन कर कुछ भी बता सकते हैं या फिर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


इसके अलावा सबसे अंत में आपको कोविड-19 वारियर्स का ऑप्शन मिलेगा। इसमें हर स्टेट में कितने एक्टिव कोरोनावायरस वारियर्स है उनकी जानकारी दी गई है। उनका नाम और उनका पद बताया गया है। इसमें आप आसानी से देख सकते हैं। इस टाइम में कहां-कहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Aarogya Setu App Download Link

उम्मीद करता हू को आपको Ayush Kavach app की सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी और आप इस ऐप का भरपूर उपयोग करेंगे और दूसरों को भी इस ऐप के बारे में बताएंगे और अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करेंगे और देश को मदद करेंगे इस महामारी से लड़ने में। तो आइए दोस्तों मिलकर लड़ते हैं और सतर्कता से सब काम करें।

घर में रहें स्वस्थ रहें और बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले और अपना काम जहां तक हो सके वर्क फ्रॉम होम ही करेंं।

धन्यवाद। 

Saturday, May 30, 2020

शीघ्र गर्भवती होने के उपाय

शीघ्र गर्भवती होने के उपाय

क्या आप गर्भवती बनाना चाहती है?
क्या आप जल्द से जल्द गर्भ धारण करने के उपाय जानना चाहते हैं?
प्रेग्नेंट होने के लिए क्या खाना चाहिए क्या नहीं ?

ऐसे कई रास्ते हैं जिससे की किसी महिला के Pregnant होने के Chances को बढाया जा सकता है या एक महीने में गर्भवती होने की संभावना को अधिकतम किया जा सकता है। अगर कोई महिला इन टिप्स को follow करे तो जल्द से जल्द बच्चे को गर्भ धारण (Conceive) कर सकती हैं।

कुछ ऐसी महिलाएं होती हैं जो अपने स्वास्थ्य का अच्छा ध्यान नहीं देती हैं पर गर्भवती होने की चाहत से उनको प्रोत्साहन मिलता है और वो अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देती हैं। वो अपने प्रतिदिन के व्यायाम, भोजन, विटामिन और दवाइयों पर भी अच्छा ध्यान देती हैं।

अपने शारीर के प्रजनन शक्ति (Fertility Strength) को बढाने के लिए अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना आपकी प्रथम प्राथमिकता है। पर गर्भवती होने के लिए सबसे जरूरी चीज जिसका ध्यान देना होता है वो है – मासिक धर्म (Menstrual Cycle). यानि अंडा निकलने के बाद कितने दिन महिला गर्भ धारण करने की कोशिश कर सकते हैं

यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रेगनंट होने के लिए महिलाओं को अपने मासिक धर्म के समय पर पूरा ध्यान देना होता है। आज हम आपको Conceive करने के स्वस्थ तरीके और उपाय बताएँगे। यह टिप्स उनके लिए हैं जिन्हें किसी भी प्रकार के Major Fertility Problems नहीं हैं।

जल्द से जल्द गर्भ धारण करने के बेहतरीन उपाय?

यह वो 11 गर्भवती होने के बेहतरीन उपाय हैं जो आपके जो Conceive करने के संभावना बढाते हैं और गर्भवती होने में मदद ज़रूर करेंगे। 

1. मासिक धर्म चक्र का रिकॉर्ड बनायें 

जो महिलाएं बच्चा चाहते हैं उनका सबसे पहला कार्य है अपने मासिक धर्म चक्र का Record बनाना। उन्हें यह बात याद रखना होगा कि जिस दिन उनका मासिक धर्म पीरियड्स शुरू होता है हर महीने उसी दिन शुरू होना चाहिए तभी Menstrual Cycle या Periods को Regular माना जायेगा।

अगर मासिक धर्म प्रति महीने सही दिन में ना हो रहे हों तो ऐसे में Periods को Irregular कहा जाता है। ऐसे में उस महिला को Calender में अपने Cycle की जानकारियों को Note करना चाहिए। इससे यह पता चलता है किन दिनों में अंडाशय (Ovaries) एक अंडे को प्रति महीने Release करता है।

अंडाशय द्वारा अंडा प्रजननक्षम Release होने के 12-24 घंटो तक होता है। जबकि एक पुरुष का शुक्राणु (Sperm) स्त्री के शारीर में 6 दिन तक Active रह सकता है। यानि की Ovulation के इन दिनों के बिच Sex करने से Pregnant होने के Chances ज्यादा होते हैं।

2. ओवुलेशन पर ध्यान दें 

जिन महिलाओं का Menstrual Cycle या Periods ठीक Dates पर नियमित रूप से होता है माना जाता है उनका Ovulation उनके मासिक धर्म के शुरू होने के 2 हफ्ते पहले से शुरू हो जाता है। इसीलिए जिन महिलाओं के Periods Irregular होते हैं उनके Ovulation दिनों का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है। 

वैसे साधारण तरीके से हिसाब करें तो महिलाओं का Ovulation आने वाले मासिक धर्म के 12-15 दिन पहले से शुरू हो जाता है।

Ovulation Check करने के कुछ आसान घरेलु तरीके

अज कल Ovulation की जानकारी प्राप्त करने के लिए Ovulation Prediction Kits भी आपको Medicine Stores में मिल जायेंगे जिनसे आप जान सकते हैं कि आप कब आपके Ovaries Ovulate कर रहे हैं। एक Positive Test Result के प्राप्त होने के बाद के 3 दिन Sex करने के लिए एक दम सही दिन हैं क्योंकि इन 3 दिनों में Pregnacy के 60-70% Chances होते हैं।

एक और दूसरा तरीका है Basal Body Temperature को Check करने के द्वारा। Mayoclinic के रिपोर्ट के अनुसार Ovulation के समय महिलाओं का Basal Body Temperature लगभग आधे Degree Fahrenheit से थोडा कम , बढ़ जाता है। इस Temperature बढ़ने के 2-3 दिनों में ज्यादा Pregnant होने के Chances होते हैं ।

तीसरा तरीका है योनि स्राव (Vaginal Secretion) में बदलाव दिखना। Ovulation के दिन से 1-2 दिन पहले साफ, गीला और चिप-चिपा Vaginal Secretion होता है जिसे Cervical Mucus कहते हैं। जब Cervical Mucus कम हो जायेगा और उसका चिप-चिपापन थोडा मोटा लगेगा तो जान ले कि बच्चा पैदा करने के लिए यह समय Sex के लिए सबसे बेहतर है।

3. ओवुलेशन के दौरान हर दिन सम्भोग 

प्रजनन का समय लगभग 6 दिनों का होता है, Ovulation के 5 दिन पहले और वह दिन। यह किसी भी महिला के वो दिन होते है जिनमे प्रजनन की संभावना सबसे अधिक होता है। ऐसे में इन Ovulation से 2 दिन पहले सम्भोग करने से Pregnancy की संभावना भी बढ़ जाती है।

रिसर्च में पाया गया कि जिन Couples ने Ovulation Period के दौरान प्रतिदिन Sex किया था उनमें से 37 प्रतिशत और हर दुसरे दिन Sex करने वाले में 33 प्रतिशत महिलाओं ने Conceive किया था।

हाला की इसमें कोई ज्यादा फर्क नहीं था पहले ज्यादातर Doctors हर दुसरे दिन Sex करने सलाह देते हैं क्योंकि इससे पुरुषों को थोडा समय मिलता है और शारीर पर्याप्त Sperm का निर्माण कर सके।

पर आज के दिन Doctors Ovulation Period के दौरान प्रतिदिन Sex करने के लिए Recommend करते हैं ताकि हमेशा Fresh Sperm मिले और Sperm का Quality बरक़रार रहे

4. स्वस्थ सही वज़न रखे 

महिलाओं का मोटापा बढ़ने से Conceive करने के Chances में कमी देखे गए हैं और ज्यादा पतला होने से तो Baby के लिए सोचना और भी मुश्किल हो जाता है।

रिसर्च में पाया गया है कि जो महिलाएं मोटापा का शिकार हैं और उनका BMI (Body Mass Index) 35 से ज्यादा है उन्हें Pregnant होने में एक Fit महिला से दोगुना समय लग जाता है। पर जो महिला ज्यादा पतले हैं और जिनका BMI 16 या उससे कम है उन्हें ऐसी महिलाओं की तुलना में 4 गुना ज्यादा समय लग जाता है Conceive करने के लिए।

शारीर में चर्बी की मात्रा अधिक हो जाने से चर्बी Estrogen की मात्रा अधिक Produce करता है जो Ovulation की प्रक्रिया में बाधा डालता है। अगर आपका वज़न ज्यादा है और Conceive करने में मुश्किलें हो रही हैं तो सबसे पहले अपना वज़न कुछ किलो कम करें। जाने वज़न कम करने के कुछ बेहतरीन स्वस्थ उपाय।

5. प्रीनटल विटामिन लें 

यह भी Recommend किया गया है की जो महिलाएं Conceive करने के लिए तैयार हैं उन्हें Prenatal Vitamins लेना चाहिए। इससे वह स्वस्थ और तंदरुस्त रह सकते हैं और Pregnacy के Chances भी बढ़ते हैं।

प्रतिदिन Multi-Vitamins और Folic Acid के सेवन से होने वाल बच्चे का मानसिक विकास अच्छा होता है और जन्म दोषों को रोका जा सकता है। यह भी माना गया है कि गर्भ धारण करने से पहले इन Vitamins को कम से कम 1 महीने तक खाना चाहिए।

6. स्वस्थ आहार खाएं 

Fertility को बढाने के लिए कई प्रकार के आहार हैं। तरह-तरह के स्वस्थ भोजन का सेवन करने से Conceive के लिए शारीर अच्छी तरीके से तैयार होता है। इससे शारीर में कई प्रकार की विटामिन और मिनरल्स की कमी दूर होती है और महिलाओं को ताकत भी मिलती है।

गर्भावस्था के लिए भोजन जैसे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन का माध्यम, अनाज और दूध से बने उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। Folic Acid के बजाये अगर कोई महिला चाहे तो हरी सब्जियां भी खा सकती है जैसे ब्रोकोली, ब्रेड और अनाज, सेम, खट्टे फल, और संतरे का रस।

Caffeine और Alcohol का सेवन बिलकुल ना करें यह शरीर के लिए अच्छा नहीं है। यह माना जाता है 500 मिली ग्राम से अधिक Caffeine की मात्रा लेने से महिलाओं की Fertility में कमी देखा गया है।

7. ज़ोरदार व्यायाम ना करें 

वैसे तो व्यायाम करना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा है और महिलाओं के लिए गर्भवती होने से पहले की तैयारी के लिए भी सही है। पर अत्यधिक ज़ोरदार व्यायाम लगातार कारने से Ovulation में मुश्किल पाया गया है।

डॉक्टरों ने पाया है जो महिलाएं बहुत ज्यादा व्यायाम करती है उनकी Menstrual Cycle Periods में Disturbances देखे गए हैं। इसलिए ऐसे समय में Light Exercises करना सही है।

8. उम्र के अनुसार महिलाओं के प्रजनन शक्ति में बदलाव 

जैसे जैसे एक महिला का उम्र बढ़ते जाता है प्रजनन की ताकत उनमें कम होती जाती है। यह इस लिए होता है क्योंकि बढती उम्र के साथ महिलाओं की Ovaries में बदलाव आने लगता है और Eggs Ovulation में कमी आने लगती है।

ज्यादातर 30 वर्ष की शुरुवात में महिलाओं के Fertility Power थोड़ी सी कम होती है, 37 वर्ष की आयु में और थोड़ी कम और 40 की आयु में थोदि और अधिक कम हो जाती है। कम हो जाने का मतलब है उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा समय लग जाता है गर्भवती होने के लिए।

9. सुन्दर, सुरक्षित और शांत वातावरण में रहें 

सबसे पहले तो सुन्दर वातावरण की बात करते हैं। अपने घर में बच्चों के सुन्दर Posters लगायें और सुन्दर Sceneries भी लगायें। इससे भी महिलाओं में Fertility Chances बढ़ते हैं।

सुरक्षित का मानना है कई प्रकार के जहरीले कीटनाशक, प्रदूषकों और हनिकारक रसायनो वाले जगहों से गर्भ धारण के विषय में सोचने वली महिलाएं दूर रहें क्योंकि इससे प्रजनन पर असर पड़ता है।

हमेशा खुश रहें और मन को शांत रखें। मन को शांत रखने के लिए शांत वातावरण का होने बहुत ही आवश्यक है इसलिए कुछ दिनों के लिए किसी शांत और सुंदर जगह में घूमने जाएँ। आप चाहें तो अपने मन को शांत करने के लिए रिलैक्सिंग म्यूजिक और योग भी कर सकते हैं।

10. धूम्र पान और शराब पीना छोड़ें 

शुम्र पान करना ना सिर्फ महिला बल्कि पुरुषों के लिए भी बहुत ही बुरा है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन में बाधा डाल सकता है। सिगरेट में पाया जाने वाला Nicotine और Carbon Monoxide महिलाओं के Egg Production को कम कर देता है और पुरुषों के Sperm Production में भी।

शाराब पीने वाली महिलाओं में भी गर्भवती बनने की शक्ति में कमी आती है इसलिए जितना हो सके Pregnancy से पहले और Pregnancy के बाद भी शराब से दूर रहें।

11. डॉक्टर से सलाह कब लें ? 

एक महिला जिसे 35 वर्ष या उससे अधिक हो चूका है और अगर एक वर्ष तक नियमित रूप से असुरक्षित संभोग करने पर भी अगर गर्भवती होने में मुश्किल पैदा होती है तो उन्हें डॉक्टर से इसके विषय में सलाह लेनी चाहिए। यह लेख मात्र जानकारी के उद्देश्य से Publish किया गया है यह किसी भी प्रकार से मेडिकल एडवाइस नहीं है।

अधिक जानकरी के लिए अपने डॉक्टर से Consult करें। आशा करते हैं आपको इस शीघ्र गर्भवती होने के 11 बेहतरीन उपाय How to get Pregnant in Hindi पोस्ट के माध्यम से हमने कुछ मूल्यवान जानकारी Share की है और आपको इससे मदद जरूर मिले।