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Wednesday, June 10, 2020

कोविड-19 एवं सीजनल फ्लू, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं, इन्हें कुछ सावधानियों से पहचान सकते हैं

कोविड-19 एवं सीजनल फ्लू, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं, इन्हें कुछ सावधानियों से पहचान सकते हैं

कोविड-19 का दौर ही चल ही रहा है कि सीजनल फ्लू का भी मौसम आ गया। दोनोंं बीमारियां अलग हैं, लेकिन कई लक्षण एक जैसे ही हैं। इससे लोग समझने में भी गलती कर रहे हैं कि उन्हें हुआ क्या है? कोरोनाया फिर फ्लू?
एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि कन्फ्यूजन होना लाजिमी है, क्योंकि दोनों के बीच बहुत मामूली अंतर है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में रुमेटोलॉजी डिपॉर्टमेंट में एचओडी डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि कोरोना और सीजनल फ्लू के लक्षण को समझाने से पहले लोगों को एक डिस्क्लेमर देना जरूरी है। ताकि वे इन्हें पहचानने में गलती न करें।
डॉ. उमा बताती हैं किकोविड-19 और सीजनल फ्लू के के सिम्पट्म्स एक-दूसरे को ओवरलैप करते हैं। इसलिए दोनों में अंतर करनाकभी-कभी मुश्किल हो जाता है। अभी कोरोना महामारी चल रहीहै, इसलिए इस बात का डायग्नोसिस में ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।

  • कैसे पहचानें?

अगर बाहरी एक्सपोजर नहीं हैतो कोरोना नहींफ्लू ही होगा
भोपाल में ईएनटी स्पेशललिस्ट डॉ. संजय जैन बताते हैं कि कोरोनावायरस के सिम्पट्म्स और सीजनल फ्लू में बहुत मामूलीअंतर होता है। एक आम आदमी के लिए इसमें अंतर करना बेहद समझदारी वाला काम होगा। कोरोना के लक्षण ज्यादातर गले ओर सीने से जुड़े होते हैं। इसमें डायरिया भी हो सकता है। फ्लू में ज्यादातर सिम्पट्म्स नाक से जुड़े होते हैं। फ्लू में गले में दर्द होना जरूरी नहीं। बलगम आ सकता है। अगर आपका कोई बाहरी एक्सपोजर नहीं हैतो फ्लू ही होगा।

  • क्या सावधानी रखें?

ठंडी चीज न खाएंताकि गला खराब न हो
दोनों ही बीमारियों की एक जैसी स्थिति है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। डॉ. उमा के मुताबिक कोविड-19 की तरह ही और भी छोटे कोरोनावायरस वातावरण में हैं, जिनसे छोटा-मोटा कफ-कोल्ड होता रहता है और वह ठीक भी हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि ठंडी चीज न खाएं, ताकि गला खराब न हो। यदि गला खराब होता है, तो किसी भी इन्फेक्शन के अंदर जाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए गर्म पानी पीते रहें, इससे आराम मिलता रहेगा।

कोशिश करें कि सांसों के ड्रॉप्लेट्सवातावरण में न जाएं
आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपके परिवार या आसपास मौजूद लोगों को बीमार कर सकती है। इसलिए इससे बचें। डॉ. उमा कहती हैं कि छींक या खांसीआए तोमुंह पर कपड़ा जरूर रखें, यदि कपड़ा न हो तो कोहनी का इस्तेमाल कर लें, ताकि ड्रॉप्लेट्स वातावरण में न जाएं। क्योंकि इनकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है। फ्लू में भी मास्क पहननाजरूरी होता है। कोरोनावायरस के आने से पहले भी फ्लू के मौसम में डॉक्टर्स भी मास्क पहना करते थे।

  • किसका कितना असर?

कोरोना की इन्फेक्टिविटी बहुत ज्यादा होती है
डॉ. उमा कहती हैं कि कोरोनावायरस की इन्फेक्टिविटी बहुत ज्यादा होती हैयानी एक इंसान से दूसरे इंसान में इस वायरस के पहुंचने की क्षमता बहुत अधिक है। फ्लू की इनेफ्टिविटी कोरोना के मुकाबले काफी कम होती है।

  • क्या हर किसी को कोरोना टेस्ट कराना जरूरी?

रेड जोन में नहीं रहते हैं तो टेस्ट की जरूरत नहीं
डॉ. संजय कहते हैं कि हर फ्लू के मरीज को कोरोना का टेस्ट कराना बिल्कुल जरूरी नहीं है। टेस्ट तब कराना चाहिए, जब आपका बाहरी एक्सपोजर बहुत ज्यादा हो। आप कहां आते-जाते हैं, किस एरिया में रहते हैं, क्या रेड जोन में रहते हैं?इन सब बातों का एक मरीज को खुद एनालिसिस करके ही कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए। उसे खुद ही पता चल जाएगा, क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

  • फ्लू को हल्के में क्यों न लें ?

अमेरिका में फ्लू से हर साल 24 से 62 हजार लोगों की मौत होती है
फ्लू को भी हल्के में लेने की गलती न करें। क्योंकि आंकड़े हमें अलर्ट करते हैं। अमेरिका में हर साल फ्लू से हजारों लोगों की मौत होती है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सीडीसी के मुताबिक यूएस में हर साल 3.9 करोड़ से 5.6 करोड़ लोग फ्लू से बीमार होते हैं। इनमें से 24 हजार से 62 हजार लोगों की जान जाती है। यह आंकड़े सिर्फ वहां अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों के हैं।

  • आंकड़े क्या कहते हैं?

कोविड-19, फ्लू की तुलना में ज्यादा आसानी और तेज गति से फैलता है
1- दोनों बीमारियों के आंकड़े चौंकाते हैं। सीडीसी के मुताबिक कोविड-19 और फ्लू दोनों रेस्पिरेटरी (सांस या श्वसन तंत्र से जुड़ी) बीमारियां हैं। लेकिन कोविड-19 फ्लू नहीं है। रिसर्च के मुताबिक कोविड-19फ्लू की तुलना में ज्यादा आसानी और तेज गति से फैलता है।
2- कोरोना की मृत्युदर भी फ्लू से ज्यादा है। अमेरिका में फ्लू से मृत्युदर 0.1% है, जबकि कोविड-19 की मृत्युदर 6% है। वैज्ञानिक अभी यह खोजने में लगे हैं कि कैसे कोविड-19 और फ्लू के सिम्पट्म्स में बेहतर अंतर बताया जा सके।
3- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया में फ्लू से हर साल 2.90 लाख से 6.50 लाख लोगों की जान जाती हैजबकि कोरोनावायरस से अब तक दुनिया में 4 लाख लोगों की जान जा चुकी है।

  • डर को कैसे दूर करें?

सावधानी रखें, घर से बाहर कम निकलें, हाथ धोतेरहें
डॉ. उमा के मुताबिक दोनों ही स्थितियों में डरने की जरूरत नहीं है। हमें बसबेसिक बातों का ख्याल रखना होगा, जैसे घर से बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकलें, हाथ नियमित अंतराल पर धोते रहें। कोरोनावायरस से भी 95-96 फीसदी लोग ठीक होते जा रहे हैं। 80 फीसदी लोगों को हॉस्पिटल में भी एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ती है। सिर्फ 15 फीसदी लोगों को ही ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। बाकी लोग खुद को घर में ही आइसोलेट करके ठीक हो सकते हैं, बशर्ते वे दूसरे से दूर रहे हैं।

कोरोनावायरस वाली सारी सावधानी फ्लू के मरीज को भी रखना जरूरी

  • बडोदरा स्थित गुजरात रिफाइनरी हॉस्पिटल में सीएमओ डॉ. हिमांशु पांडेय कहते हैं कि कोरोना और फ्लू में अंतर करना बहुत मुश्किल काम है। वैसे तो यह बिना टेस्ट का पता नहीं चल सकता है। लेकिन यदि लगातार बुखार आ रहा है, गले में ज्यादा तकलीफ है, खांसी आ रही है, सीने में दर्द है तो कोरोना के सिम्पट्म्स हो सकते हैं।
  • यदि बुखार या बलगम आ रहे हैं तो फ्लू संभव है। फ्लू में सीने या गले में दर्द नहीं होता है।कोरोनावायरस वाली ही सारी सावधानियां एक फ्लू मरीज को भी रखना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग करना और मास्क पहनना बहुत जरूरी है। यदि आप के पास कोई बिना मास्क पहनकर बात कर रहा है तो उसे बात न कर दें।

युवा कोरोना का बिल्कुल हल्के में न लें

  • डॉ. उमा कहती हैं कि कुछ स्टडी में यह देखने को मिला है कि बहुत से लोगों को पता ही नहीं था कि उनमें कोरोना के सिम्पट्म्स हैं और वे दूसरों में वायरस फैला रहे थे। ऐसा कोई भी व्यक्ति एक से दो हफ्ते तक वायरस को स्प्रेड करते रहता है और उसे मालूम भी नहीं चलता है। इसलिए हल्के सिम्पट्म्स होने पर भी खुद को आइसोलेट करें।
  • कोरोना को हल्के में बिल्कुल न लें। खासकर युवा, जिन्हें लगता है कि उन्हें यह वायरस नहीं होगा। यदि मान भी लो कि वे बच जाएंगे, लेकिन उनके घर में बुजुर्ग हो सकते हैं, डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के मरीज हो सकते हैं, ऐसे में उन्हें ध्यान रखने की जरूरत है।


Sunday, May 17, 2020

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बढ़ाएं इम्युनिटी

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं?

जैसा की हम सभी जानते हैं आजकल कोरोना वायरस इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है, ऐसे में जरूरी है कि आप अपने आपको इससे बचा कर रखें और सावधानी बरतें। कोरोना वायरस से बचने के लिए जरूरी सावधानी के साथ साथ आवश्यक है आपकी इम्युनिटी भी अच्छी हो। क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति कहाँ से मिलती है? तो आज हम आपको यहाँ बताएंगे की हमारा शरीर किस तरह बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ता है और कौन इसे शक्ति प्रदान करता है। इसका जबाव है – इम्युनिटी (Immunity Meaning in Hindi), जिसे प्रतिरक्षा भी कहा जाता हैै। यह इम्युनिटी ही होती है जो हर तरह के संक्रमण से लड़ती है, फेफड़ों में होने वाली धूल को साफ करती है और कैंसर की कोशिकाओं को मारती है।
यदि आपकी इम्युनिटी सही होगी तो आप कोरोना वायरस के साथ साथ अन्य रोगों और गंभीर बिमारियों से भी लड़ पायेंगे। आइये जानते हैं इम्युनिटी क्या और कितने तरह की होती है। जानिये इम्युनिटी कैसे बढ़ाया जा सकता है और किन किन कारणों से हमारे शरीर की इम्युनिटी कम हो सकती है।

इम्युनिटी क्या है – Immunity Meaning in Hindi

इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहा जाता है। प्रतिरक्षा के बारे में सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक द्वितीय मेनिकिकोव और फ्रांसीसी सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर ने बताया था। शुरुआत में प्रतिरक्षा को केवल इन्फेक्शन या संक्रामक बीमारियों के लिए जीव की प्रतिरक्षा के रूप में माना जाता था पर बाद में पता चला की यह हमारे शरीर को सभी तरह की बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है और साथ ही यह बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की सेल्स को भी बदल देती है। उदाहरण के लिए यदि आपकी इम्युनिटी अच्छी है तो आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ सकते हैं।

इम्युनिटी के प्रकार

प्रतिरक्षा दो प्रकार की होती है- इनेट और एडेटिव इम्युनिटी (Immunity Meaning in Hindi)

  1. इनेट इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है परन्तु यह दीर्घकालिक नहीं होती।
  2. एडेटिव इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है साथ ही यह विशिष्ट रोगजनकों के खिलाफ दीर्घकालिक सुरक्षा भी देती है।

“सभी जानवरों, पौधों और कवकों में इनेट इम्युनिटी होती है। जबकि Vertebrates में एडेटिव इम्युनिटी होती है।”

इम्युनिटी कम होने के कारण

क्या आपने कभी सोचा है की कुछ लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा बीमार क्यों होते हैं? इसका उत्तर है शायद उनकी बॉडी में उतनी क्षमता नहीं होती कि जर्म्स और वायरस से लड़ सके, जिसका मतलब यह है कि आपकी इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम या उनका इम्यून सीटें कमजोर है। इसके कम होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए हैं-

Immunity Meaning in Hindi , Meaning of Immunity in Hindi

तनाव: लगभग हम सभी ने हमारे जीवन में किसी न किसी बिंदु पर तनाव जरूर महसूस किया होगा। सिरदर्द, छाती में दर्द, बेचैनी और समग्र तनाव महसूस करने से तनाव की पहचान होती है। ये सभी कारक मिलकर हमारे इम्यून सिस्टम को और कठिन मेहनत करने के लिए मजबूर करते हैं जिससे हमारा शरीर बिमारियों से लड़ सके। परन्तु कभी कभी हमारा इम्यून सिस्टम इनसे लड़ नहीं पता और Low Immunity का कारण बनता है।

व्यायाम न करना: हमारा इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के लिए और हमारी लाइफ स्टाइल के अनुसार हमेशा फिट हो यह हर बार जरुरी नहीं होता एक अध्ययन बताता है की नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से न्यूट्रोफिल्स को कार्य करने में सहायता करता है, न्यूट्रोफिल्स वो सेल्स होती हैं जो अवांछित और कभी-कभी खतरनाक सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए काम करती हैं। ये सूक्ष्मजीव स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इस प्रकार एक्सरसाइज न करना Low Immunity or (Immunity Meaning in Hindi) का कारण बन सकता है।

सही नींद न लेना: क्या आप जानते हैं कि जब आप सो रहे होते हैं तब भी आपकी ब्लड सेल्स जो इन्फेक्शन से लड़ती हैं, वो उस समय भी इन्फेक्शन को आपकी बॉडी से दूर रखने के लिए कार्य कर रही होती हैं। इसलिए कम नींद और थकान भी Low Immunity का कारण हो सकती है।

अनुचित पोषण: अनुमान यह है कि कम डाइट और व्यायाम की कमी साथ मिलकर, हर साल 310,000 और 580,000 अमेरिकियों की हत्या के लिए जिम्मेदार होती है। इसलिए जरूरी है की संतुलित भोजन करें जिसमे सभी विटामिन, खनिज, पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट्स और अभी जरूरी तत्व उपस्थित हों। वहीं फैटी जंक फूड्स को खाने से बचना चाहिए क्योंकि इनमे पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को काम करने से रोकते हैं।

इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित डाइट्स और उपायों को कर सकते है जो इस प्रकार हैं-

  • नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित व्यायाम हमारे ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा कर हमारी इम्युनिटी को बढ़ता है

Immunity Meaning in Hindi , Meaning of Immunity in Hindi

  • विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें: विटामिन डी का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब हमारे शरीर को कोल्डऔर फ्लू सहित श्वसन संक्रमण के खिलाफ लड़ना हो ।

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  • अतिरिक्त दवा खाने से बचें: अत्यधिक दवाएं का सेवन आपकी इम्यून सिस्टम में बाधा डालती हैं और आपके लिवर, किडनी और रेस्पिरेटरी सिस्टम को कार्य करने में बाधा डालती हैं और गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि दवाएं और एंटीबायोटिक्स शरीर को बीमारियों से ठीक करने में मदद करते हैं, पर यह शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद नहीं करती है।

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  • कॉफी की जगह ग्रीन टी पियें: हालाँकि कॉफ़ी में कुछ एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं पर यह हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकती है इसलिए कॉफ़ी के स्थान पर ग्रीन टी पियें यह आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ती है और इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।

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  • धूम्रपान और शराब पीने से बचें: धूम्रपान, तम्बाकू और शराब का ज़बान आपके इम्यून सीटें को कार्य करने में बाधा डाल सकता है। जिससे आपका शरीर कई बिमारियों से इन्फेक्टेड हो सकता है, इसलिए इन सभी का त्याग करे और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं।

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  • विषाक्त खाद्य पदार्थों को न खायें: रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड का बहुत लम्बे समय तक और बहुत ज्यादा सेवन आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकता है, जिसके कारण बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है और हमारी वाइट ब्लड सेल्स जो बैक्टीरिया को मारती हैं उनकी क्षमता कम हो जाती है।

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  • स्वच्छता बनाए रखें: ज्यादातर इन्फेक्शन दूषित सतहों को छूने से और फिर उन्ही को अपने मुंह आँख नाक पर लगाने से फैलते हैं। इस इन्फेक्शन के होने की सम्भावना को कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर दूर किया जा सकता है, जैसे – आस पास स्वछता का ध्यान रखें, खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं, दूषित भोजन न खाएं, नाखूनों को काट कर रखें इत्यादि।

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  • पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को समझौता करने की लिए मजबूर करती है इसलिए आपको हर दिन पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

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  • दिल खोल कर हँसे: खुल कर हँसने से आपकी इम्युनिटी तो बढ़ती ही है साथ ही आपकी मेन्टल हेल्थ में भी सुधार आता है, इसलिए जब भी मौका मिले अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुल कर हँसे।

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  • प्रतिरक्षा बूस्टिंग फूड्स का उपभोग करें: अपनी समग्र प्रतिरक्षा में सुधार के लिए तरबूज, गेहूं, दही, पालक, मीठे आलू, ब्रोकोली, लहसुन, अदरक, अनार का रस इत्यादि जैसे प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें। तरबूज में Glutathione, एंटीऑक्सिडेंट होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। प्रतिरक्षा में वृद्धि के लिए गेहूं की जर्म भी खपत की जा सकती है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स, बी विटामिन और जस्ता का एक बड़ा स्रोत है। गेहूं की जर्म में प्रोटीन, फाइबर और कुछ स्वस्थ वसा का एक बड़ा संयोजन भी होता है।

हमारे शरीर को प्रतिरक्षा की बहुत आवश्यकता होती है, तभी यह विभिन्न प्रकार के रोगों और इन्फेक्शन से लड़ सकता है, इसलिए जरुरी है कि अपने शरीर का ध्यान रखें, हेल्दी डाइट लें और अपने इम्यून सिस्टम और इम्युनिटी का ख्याल रखें।

Sunday, May 17, 2020

होम क्वारंटाइन के दौरान आप क्या-क्या करें एवं सावधानियां बरतें

होम क्वारंटाइन के दौरान आप क्या-क्या करें एवं सावधानियां बरतें, डॉक्टर से टेली/वीडियो परामर्श लें

दुनिया भर में दुसरे देशों के साथ साथ भारत में भी कोरोना वायरस (coronavirus in Hindi) का खतरा और इसका प्रसार बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस या COVID -19 के तेजी से प्रसार के कारण आज हमारा पहले की तुलना में घर से बाहर निकलना और अधिक समय घर पर बिताना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस कोरोना वायरस (Coronavirus in Hindi) जैसी महामारी से बचने का सबसे उत्तम उपाय है स्वयं को और अपने प्रियजनों को इससे बचाना। इसके लिए आवश्यक है बाहर जाने से बचें और लोगों के संपर्क में न आएं। इसके अलावा आप अपने आपको होम क्वारंटाइन यानि संगरोध कर सकते हैं।

क्वारंटाइन का मतलब (Coronavirus Quarantine Meaning in Hindi)

आइये पहले जानते हैं क्वारंटाइन यानि संगरोध का मतलब क्या होता है:

क्वारंटाइन यानि संगरोध एक व्यक्ति के लिए अकेले रहने की स्थिति या स्थान होता है जो संक्रामक रोगों के संपर्क में आ सकता है। अलगाव यानि आइसोलेशन की अवधि इस संभावना को कम करती है कि कोई व्यक्ति किसी दूसरों को अपनी बीमारी को स्थानांतरित कर सके।

क्वारंटाइन यानि संगरोध केवल बीमार लोगों के लिए ही नहीं होता यह उन लोगो के लिए भी हो सकता है जो लोग स्वस्थ दिखाई देते हैं, क्योंकि वे ये जाने बिना की वो किसी रोग के वाहक हैं रोग को दूसरे लोगों में फैला सकते हैं। यही कारण है कि जो व्यक्ति स्वस्थ दिखाई देते हैं, उनको भी क्वारंटाइन यानि संगरोध किया जा सकता है, परन्तु यह इस पर भी निर्भर करता है कि वे कहाँ से आ रहे हैं।

जैसा की हम ऊपर बता चुके है की क्वारंटाइन क्या होता है और माननीय प्रधानमंत्री जी के भाषण के बाद हर जगह जैसे सोशल मीडिया और हमारे सगे सम्बन्धी भी इसी विषय में बात कर रहे हैं, हम आपको बताएंगे की इस सम्बन्ध में कौन सी बातें ध्यान रखने योग्य हैं और आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं:

  1. होम क्वारंटाइन का अभ्यास किसे करना चाहिए?
  2. क्या उपाय किए जा सकते हैं ?

यहाँ यह बात ध्यान रखने योग्य है की आपको क्वारंटाइन , सोशल डिस्टन्सिंग यानी घुलना मिलना और आइसोलेशन (अलगाव ) में क्या अंतर होता है यह पता हो। आइये जानते हैं पहले इन तीनो का मतलब क्या होता है

Coronavirus in Hindi

#सोशल डिस्टेंसिंग

कोरोना वायरस (Coronavirus in Hindi) के संक्रामक रोगों के प्रसार को कम करने के लिए एक दूसरे से बातचीत के दौरान अन्य लोगों से शारीरिक दूरी बनाये रखना। बड़े सार्वजनिक समारोहों और बैठकों को रद्द करें और मॉल, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद करना सामाजिक दूरी के उदाहरण हैं।

#क्वारंटाइन

जब एक व्यक्ति जो अस्वस्थ होता है या उसमे कोरोनोवायरस के लक्षण (Coronavirus symptoms in Hindi) दिखाई देते हैं, तो अन्य संक्रमित लोगों के संपर्क से खुद को अलग करने का निर्णय लेता है, इसे कॉरंटाइन या संगरोध के रूप में जाना जाता है। ऐसे व्यक्ति आमतौर पर कुछ दिनों के लिए अपने आपको अपने घर से बाहर जाने से सीमित कर देते हैं। कॉरंटाइन उन व्यक्तियों के लिए अत्यधिक सुझाव दिया जाता है जो कोरोनोवायरस (Coronavirus in Hindi) को अनुबंधित करने के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं और उन्हें अन्य संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने की आवश्यकता होती है।

#आइसोलेशन (अलगाव)

जिन व्यक्तियों में COVID-19 या कोरोना वायरस के होने का पता चलता है, उनके लिए आइसोलेशन की आवश्यकता होती है। इसका सीधा सा मतलब है कि जो लोग संक्रामक बीमारी से ग्रसित हैं उनसे स्वस्थ व्यक्तियों से दूर रखना जिससे यह संक्रमण अधिक न फैले। अस्वस्थ व्यक्तियों के लिए घर पर, अस्पताल में, या स्वास्थ्य सुविधा पर, विशेष रूप से संक्रमित रोगियों की देखभाल के लिए सुसज्जित किया जा सकता है।

हम आपको ऊपर बता चुके हैं की सोशल डिस्टन्सिंग, आइसोलेशन और क्वारंटाइन में क्या अंतर होता है, आइये जानते हैं किसको होम क्वारंटाइन (Coronavirus quarantine guidelines in india) करना चाहिए और कितने समय के लिए यह होना चाहिए ?

किसको होम क्वारंटाइन करना चाहिए? Coronavirus quarantine guidelines in india

होम क्वारंटाइन एक ऐसा उपाय है जो कोरोनावायरस के एक संदिग्ध या पुष्टि मामले के सभी ‘संपर्कों’ पर लागू होता है। CDC ने 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और उन लोगों को सलाह दी है जिनकी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड (बिगड़ा हुआ प्रतिरक्षा प्रणाली) हैं जो अधिमानतः घर पर रहते हैं। इनके अलावा:

  • COVID-19 से प्रभावित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति
  • कोई भी व्यक्ति जो आवश्यक सुरक्षात्मक गियर पहने बिना एक कोरोना वायरस के मरीज के साथ सीधे शारीरिक संपर्क रखता है
  • कोई भी व्यक्ति जो किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बंद वातावरण में था, जिसने COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है
  • कोई भी व्यक्ति जिसका COVID-19 रोगी के साथ हवाई यात्रा सहित 1 मीटर की दूरी पर सीधा संपर्क रहा हो
  • होम क्वारंटाइन अवधि एक पुष्टि मामले के साथ संपर्क से 14 दिनों के लिए है या इससे पहले अगर एक संदिग्ध मामला (जिसमें सूचकांक व्यक्ति एक संपर्क है) प्रयोगशाला परीक्षण पर नकारात्मक निकलता है।

होम क्वारंटाइन के नियम : Home quarantine guidelines in India

होम क्वारंटाइन के लिए निम्न उपायों का पालन करना चाहिए

  • एक अच्छी तरह हवादार सिंगल-रूम में रहें, बेहतर होगा की बाथरूम कमरे में ही हो
  • यदि कमरा साझा किया जा रहा है, तो व्यक्ति के साथ हर समय 1 मीटर की दूरी बनाए रखें
  • जो लोग स्पर्शोन्मुख या अस्वस्थ हैं, उनके लिए यह सुनिश्चित करें कि आपका ‘घर से काम’ सेट-अप एक अच्छी तरह से रोशनी और कमरे में एक आरामदायक जगह में व्यवस्थित किया गया है जिसमें आप अलग हैं।
  • घर के बड़े लोगों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से दूर रहें
  • क्वारंटाइन के तहत व्यक्ति को घर के अन्य कमरों / आम क्षेत्रों में आना जाना प्रतिबंधित करना चाहिए
  • क्वारंटाइन के तहत व्यक्ति को घर पर और जरूरत पड़ने पर बाहर निकलते समय भी मास्क का उपयोग करना चाहिए

जैसा की हमने ऊपर बताया की क्वारंटाइन की अवधि 2 सप्ताह की होती है इसके लिए होम क्वारंटाइन के दौरान आप निम्नलिखित सामान को स्टॉक-अप कर सकते हैं:

  • भोजन की वस्तुएं
  • दवाएं और प्राथमिक चिकित्सा किट
  • अन्य जरूरी सामान जैसे तौलिये, सफाई के उत्पाद
  • स्नान और स्वच्छता उत्पाद

देखभाल करने वालों के लिए निर्देश:

यदि आप रोगी का ध्यान रख रहें हैं तो निम्न निर्देशों का पालन करें

  • हमेशा मरीज के साथ शारीरिक संपर्क में रहने के दौरान एक सर्जिकल मास्क और दस्ताने पहनें
  • इस्तेमाल किए गए मास्क और दस्ताने तुरंत फेंक दें और सुनिश्चित करें कि उनका दोबारा इस्तेमाल न करें
  • कीटाणु से ग्रसित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया, बर्तन आदि को अलग से धोएं
  • किसी भी आगंतुक को संगरोध व्यक्ति के संपर्क में आने की अनुमति न दें
  • किसी भी आगंतुक को तब तक अनुमति न दें, जब तक कि मरीज घर से बाहर न हो जाए
  • वायरस के प्रसार से बचने के लिए बेडरूम, बाथरूम, चादर और कंबल की नियमित रूप से सफाई करें
  • सामान्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन किया जाना चाहिए
  • कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से नियमित रूप से धोएं
  • जब आप साबुन और पानी का उपयोग नहीं करते हैं तो 70% अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करें

ध्यान रखने योग्य बातें

  • कोरोना वायरस श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है आतः बाहर जाने के समय किसी भी चीज को न छुएं और अपने आँख, नाक और मुँह का न छुएं।
  • बाहर से आने के तुरंत बाद अपने हाथ और मुँह धोएं और हाथ धोते समय कम से कम २० सेकंड तक साबुन हाथ में रखें।
  • छींक आने पर मुंह को टिस्सु पेपर या मुड़ी हुई कोहनी के साथ कवर करें।

याद रखें, कोरोनोवायरस संक्रमण के तेजी से प्रसार को नियंत्रित करने के लिए घरेलू संगरोध एक उपाय है। यदि आपके होम संगरोध के दौरान, आप लक्षण विकसित करते हैं या अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो कृपया अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को फोन करें और यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर से परामर्श करें।

होम क्वारंटाइन अवधि एक पुष्टि मामले के साथ संपर्क से 14 दिनों के लिए है या इससे पहले अगर एक संदिग्ध मामला (जिसमें सूचकांक व्यक्ति एक संपर्क है) प्रयोगशाला परीक्षण पर नकारात्मक निकलता है।

यदि आप कोरोनावायरस के संदिग्ध हैं या इसकी पुष्टि हो चुकी है तो आपको क्वारंटाइन करने की आवश्यकता है।
Sunday, May 10, 2020

1921 नंबर पर मिस कॉल करके फीचर फोन मे आरोग्य सेतु का इस्तेमाल कर पाएंगे

अब फीचर फोन में 1921 नंबर पर मिस कॉल करके आरोग्य सेतु का इस्तेमाल कर पाएंगे, जानें क्या है तरीका


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम' की घोषणा की है. जिसे आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से फीचर फोन और लैंडलाइन कनेक्शन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सेवा अब तक ऐप के रूप में iOS और Android स्मार्टफोन तक सीमित थी

आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) टोल-फ्री सेवा पूरे देश में सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सेवा का उपयोग करने के लिए नागरिकों को ‘1921’ पर मिस्ड कॉल देनी होगी. साथ ही उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए अनुरोध करना होगा. नागरिकों की ओर से दिए गए इनपुट को आरोग्य सेतु डेटाबेस में जोड़ा जाएगा.

पीटीआई के अनुसार एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सवालों के जवाबों को अरोग्य सेतु ऐप के साथ जोड़ दिया गया है. लोगों को एसएमएस से भी अलर्ट मिलेगा. यह सेवा 11 भाषाओं में लागू की गई है. बता दें कि आरोग्य सेतु ऐप 11 भाषाओं में उपलब्ध है.

गौरतलब है कि भारत में लगभग 9 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड की है. नए आईवीआरएस सिस्टम के लिए आरोग्य सेतु मित्र पोर्टल भी है. जिसकी मदद से यूजर्स घर पर डायग्नोस्टिक्स और मेडिसिन डिलीवरी और कोविड -19 पर डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श ले सकते हैं. पोर्टल या वेबसाइट पर तीन ऑपशन्स दिए गए हैं- डॉक्टर से परामर्श करें, होम लैब टेस्ट और ePharmacy.


नीति आयोग ने आरोग्य सेतु मित्र वेबसाइट की लॉन्च, घर बैठे मिलेगा डॉक्टरी परामर्श

NITI Aayog launches Aarogya Setu Mitr website

नीति आयोग ने आरोग्य सेतु मित्र वेबसाइट लॉन्च की है. इसके लिए नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के साथ साझेदारी की है. वेबसाइट का लक्ष्य कोविड-19 संकट के समय में सभी भारतीयों की चौखट पर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है. आरोग्य सेतु मित्र पर यूजर्स को कोविड -19 के बारे में डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श मिलेगा.

इस वेबसाइट पर लॉग इन करके यूजर्स तीन ऑप्शन्स में से किसी के लिए विकल्प चुन सकते हैं: डॉक्टर से परामर्श, होम लैब टेस्ट और ePharmacy. होम लैब टेस्ट सेक्शन में डॉक्टर लाल पैथलैब्स, एसआरएल डायग्नोस्टिक्स, मेट्रोपोलिस, थायरोकेयर और अन्य शामिल हैं. इनमें से किसी पर क्लिक करने से यूजर कंपनी की वेबसाइट पर पहुंच जाता है. जहां से वे परीक्षण के लिए आवेदन कर सकता है. EPharmacy टैब आपको 1mg, netmeds.com, MedLife और PharmEasy से दवाएं ऑर्डर करने देता है, साथ ही डॉक्टरों से परामर्श ऑप्शन पर क्लिक करके यूजर eSanjeevani OPD, Swasth, StepOne, Tata Bridgital Health और Tech Mahindra's Conectense Telehealth platform के साथ जुड़ना चुन सकते हैं. चैट, कॉल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कनेक्ट करना भी संभव है.

ये वेबसाइट स्वयंसेवकों की साझेदारी के साथ, पीएसए और नीतीयोग के कार्यालयों के तहत ऑपरेट होती है. हालांकि अभी आरोग्य सेतु मित्र के लिए कोई ऐप नहीं बनाया गया है.

Sunday, April 26, 2020

आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करे

कोरोना वायरस के संक्रमण से अलर्ट करता आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करे






Coronavirus के संक्रमण के महामारी से सावधान करने के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने Arogya Setu Apps लांच किया है, जिस Apps के जरिये Coronavirus से जुड़े हर जानकारी भेजा जाता है और साथ ही अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी वर्तमान की जानकारी इस Arogya Setu Apps के जरिये भारत सरकार को साझा कर सकते है.
जैसा की हम सभी जानते है की वर्तमान में करोड़ो मोबाइल यूजर है, सो इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अधिकतम लोगो को इस Arogya Setu Apps के जरिये स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी से जुड़ सकती है, और Coronavirus जैसी वैश्विक महामारी से सम्बन्धी हर जानकारी इस App के जरिये भेजा जा रहा है.
तो चलिए इस Coronavirus को हराने के लिए Arogya Setu Apps Download करने और उससे जुडी हर जानकारी को जानते है.

आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड कैसे करे

यदि  आपका मोबाइल Android है तो आप सीधे Google Play Store में जाकर इस Arogya Setu Apps को Download कर सकते है, इसके अलावा iOS मोबाइल यूजर के लिए भी यह Arogya Setu App एप्प स्टोर में उपलब्ध है. जहा से Arogya Setu सर्च करके डाउनलोड कर सकते है.

आरोग्य सेतु एप्प क्या है

महामारी के रूप में फैलते कोरोना वायरस के भीषण प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार ने आरोग्य सेतु | Aarogya Setu नाम का एक ऐप लॉन्च किया है, जो की तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में मदद करेगा,
इस ऐप के जरिए आप यह भी जान सकते है की Coronavirus संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए है या नहीं.
चुकी यह ऐप एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स और आईफोन दोनों के लिए उपलब्ध है। जो की बिलकुल Free है, इस Arogya Setu App की मदद से आपको कोरोना वायरस से संबधित हेल्प सेंटर्स और सेल्फ असेसमेंट टेस्ट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलेगी, यदि आप इस Arogya Setu App पर रजिस्टर है तो यह यह ऐप मोबाइल नंबर की मदद से यह भी चेक कर सकता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए, जिसमें कोरोना संक्रमण मिला हो.

आरोग्य सेतु एप्प इस्तेमाल कैसे करे 

जब आप यह Arogya Setu Apps डाउनलोड कर लेगें तो आपको इसमे अपने मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा को ऐक्सेस करने की परमिशन Access पूछा जाता है जिसे आपको चालू या Active रखना है.
फिर Arogya Setu Apps के जरिए यह पता लगाएगा कि आप कोरोना वायरस से कितना सुरक्षित हैं या वायरस संक्रमण के आसपास व्यक्ति के पास तो नही है, जिस सूचना के लिए आप इस ऐप में अपना मोबाइल नंबर से जरुर रजिस्टर करें.
और जैसे ही Arogya Setu Apps में रजिस्टर करते ही आपके फोन पर एक ओटीपी आएगा जिससे आपका नंबर वेरिफाई किया जाएगा। इसके बाद आप अपना नाम, उम्र, प्रोफेशन जैसे तमाम विस्तार जानकारी के साथ Arogya Setu Apps म भरना होता है फिर इस ऐप के जरिए आप कोरोना वायरस की लड़ाई में मदद करने के लिए खुद एक वॉलेंटियर भी बन सकते है। और दुसरो से भी खुद को सुरक्षित कर सकते है.

आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करे

यदि आप भी इस कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से बचने के लिए आप भी इस Arogya Setu Apps Download करते है तो निश्चित ही इस महामारी के खिलाफ आप भी अपना योगदान दे सकते है. जो की भारत के 11 भाषाओ में उपलब्ध है.
तो नीचे दिए इस लिंक से Direct Google Play Store में जाकर Arogya Setu Apps Download कर सकते है.
Android User – Arogya Setu Apps Download
एप्पल यूजर्स-  Arogya Setu Apps Download

Tuesday, April 14, 2020

लॉक डाउन के दौरान ई पास ले लिए करे ऑनलाइन आवेदन

उत्तर प्रदेश सरकार ने UP COVID-19 Lockdown E-Pass के लिए ऑनलाइन पंजीकरण / आवेदन पत्र 2020 आमंत्रित किया है | लोग अब आधिकारिक वेबसाइट http://164.100.68.164/upepass2/ पर कोरोनावायरस कर्फ्यू ई-पास के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं | ऐसे सभी लोग जो आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और साथ ही नागरिक 14 अप्रैल 2020 से पहले Lockdown E-Pass के लिए आवेदन कर सकते हैं और यहां तक ​​कि अपने आवेदन की स्थिति को भी ट्रैक कर सकते हैं |
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस लॉकडाउन के लिए intra-district पास SDM द्वारा जारी किया जाएगा, जबकि inetr-district पास ADM द्वारा जारी किया जाएगा | NGO, सरकारी कर्मचारी, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों के लिए उत्पन्न कर्फ्यू ई-पास श्रमिक, संपूर्ण लॉकडाउन अवधि तक मान्य होंगी | हालांकि, नागरिकों के लिए, intra-district पास केवल 1 दिन के लिए वैध रहेगा, जबकि inetr-district पास 2 दिनों के लिए वैध रहेगा |

जो कोई भी इस E-Pass का दुरुपयोग करता पाया जाएगा, वह IPC के संबंधित कानूनों के साथ-साथ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सजा के लिए उत्तरदायी होगा |
उत्तरप्रदेश COVID-19 Lockdown E-Pass के लिए आवेदन प्रक्रिया:-
सर्वप्रथम आवेदकों को आधिकारिक वेबसाइट http://164.100.68.164/upepass2/ पर जाना होगा |
इसके पश्चात e-Pass Management System page के Main menu में मौजूद “Apply ePass” लिंक पर क्लिक करें | फिर आवेदक अपना मोबाइल नंबर दर्ज करके उत्तर प्रदेश लॉकडाउन पास ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म भर सकते हैं | इसके पश्चात, UP लॉकडाउन ई-पास ऑनलाइन आवेदन फॉर्म दिखाई देगा |
लोग अपना व्यक्तिगत विवरण, पता, सेवा प्रकार, विवरण, यात्रा का स्थान, से लेकर हाल की तस्वीर, आईडी प्रूफ तक अपलोड और अपलोड कर सकते हैं |

उत्तरप्रदेश कोरोनावायरस लॉकडाउन ई-पास आवेदन स्थिति जांचें:-

सर्वप्रथम आवेदकों को आधिकारिक वेबसाइट http://164.100.68.164/upepass2/ पर जाना होगा |
इसके पश्चात e-Pass Management System page के Main menu में मौजूद “Track Your Application” लिंक पर क्लिक करें |