Latest Updates

Showing posts with label Sanitation. Show all posts
Showing posts with label Sanitation. Show all posts
Friday, May 08, 2020

किशोर बालिका स्वास्थ्य

किशोर बालिका स्वास्थ्य

बड़ा परिवर्तन, बड़ी चुनौती

आम तौर पर 10 से 16 वर्ष में एक मानव शरीर में यौवन शुरू होता है। यह एक बच्चे की परिपक्व होने की क्रमिक प्रक्रिया है। प्रत्येक व्यक्ति में समय-समय पर परिवर्तन होते रहते हैं। शरीर, व्यवहार, और जीवन शैली में परिवर्तन उनमें से कुछ हैं। इस प्रक्रिया के दौरान होने वाले परिवर्तन शरीर, हाथों, पैरों और कमर के आसपास दिखाई देते हैं।

  1. शरीर के यौन अंग बड़े होते हैं और हार्मोन का उत्पादन शुरू होता है।
  2. त्वचा का और अधिक विकास हो सकता है।

शरीर की देखभाल

यहां शरीर की अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए कुछ आवश्यक, सरल और बुनियादी बातें दी गई हैं:

  1. एक वयस्क जब युवा होता है, तो उसे अधिक पसीना आना शुरू हो सकता है। इसलिए नियमित रूप से स्नान द्वारा त्वचा साफ और शरीर की गंध को दूर रखना आवश्यक है।
  2. दंत क्षय (गुहाओं) से बचने के लिए व और तरो-ताजा साँस के लिए कम से कम दिन में दो बार दांत साफ करें।
  3. तेल ग्रंथियों से अधिक सीबम (एक तैलय पदार्थ) का उत्पादन होता है जो मुहांसों के रूप में विकसित हो सकता है। मुहासे किशोरावस्था उम्र में बहुत ही सामान्य होते हैं, और उनसे पूरी तरह से बचने का कोई उपाय नहीं है। त्वचा को साफ रखना ही सबसे अच्छा समाधान है।

माता-पिता की सलाह लें

किशोरावस्था मनुष्य के जीवन काल का एक ऐसा समय है जहां युवा और उनके माता-पिता के सामने कई समस्याएं आती हैं। कुछ बातों पर युवाओं को हमेशा ध्यान देना चाहिए, ये बातें हैं:

  • अपने परिवार की प्रशंसा करनी चाहिए।
  • माता-पिता के विचारों और विश्वास की कद्र होनी चाहिए।
  • माता-पिता की इच्छाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य

कई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देर से बचपन और किशोरावस्था में उभर सकती हैं, किंतु प्रयास यह होना चाहिए कि सामाजिक कौशल, समस्याएं सुलझाने के कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी से इसका समाधान निकालना चाहिए। इस तरह के आचरण,विकार, चिंता, अवसाद के साथ ही यौन व्यवहार में भी परिवर्तन का कारक हो सकते हैं। इसलिए सामाजिक कौशल एवं आत्मविश्वास जैसे व्यवहार के रूप मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

गलत पदार्थों का उपयोग

अवैध पदार्थ, तम्बाकू और शराब, स्वस्थ विकास की स्थिति के लिए बड़ी बाधा साबित हो सकते है। कानून के अलावा अन्य साथियों का दबाव और एक स्वस्थ तरीके से तनाव का प्रबंधन करने की क्षमता मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याओं को कम करने में प्रभावी होते हैं।

अनैच्छिक घाव

सड़क यातायात दुर्घटनाओं को कम करने, गंभीर चोट, दुर्घटनाग्रस्त किशोर और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण हैं-लागू गति सीमा। यातायता के नियमों के पालन में गति सीमा दुर्घटना को कम करने में काफी प्रभावी है।

हिंसा

जीवन कौशल बच्चों एवं किशोरों में सामाजिक विकास कार्यक्रमों के एक महत्वपूर्ण भाग के रुप में हिंसक व्यवहार को कम करने में महत्वपूर्ण है। इस कौशल के निर्माण में शिक्षक और माता पिता को सहायक बनाने की कोशिश की जा सकती है। जिससे समस्या को सुलझाने और अहिंसक होते हुए भी अनुशासित रखने में प्रभावी हुआ जा सकता है और इससे हिंसा में कमी आती है।

  • सीट बेल्ट को बढ़ावा देने के लिए कानून (और हेलमेट) का उपयोग और साथ में शिक्षा से अल्कोहल या अन्य पदार्थों का उपयोग ड्राइविंग में नहीं करने की जागरुकता लाना।
  • सुरक्षित और सस्ती सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता को बढ़ा कर ड्राइविंग करने के लिए विकल्प प्रदान करना
  • पर्यावरण सुरक्षित बनाना
  • पानी डूबने से बचने के लिए बच्चों और किशोरों को शिक्षित करना।

पोषाहार

पूर्व के वर्षों में कुपोषण जीवन काल भर में व्यापक, प्रतिकूल स्वास्थ्य और सामाजिक परिणामों के लिए जिम्मेदार रहा है। इससे अच्छे बचपन में रुकावट आती है। भोजन के उपयोग में सुधार से  बचपन से किशोरावस्था आने की स्थिति में शारीरिक विकास संतुलित होता है। रक्ताल्पता किशोरियों में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के कम होने की समस्याओं में से एक है।

यौन और प्रजनन स्वास्थ्य

यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में किशोरों को शिक्षित करने के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, जिससे कि वे अपने जीवन में 'क्या सीखा है' को लागू करने के लिप्रेरित हो सकें। साथ ही ऐसा करने के उद्देश्य को कार्यक्रम के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे  आसानी से किशोरों और स्वास्थ्य कर्मियों को इन मामलों में जागरुक किया जा सकता है।  किशोरावस्था में यौन बलात्कार के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर लड़ा जाना चाहिए।

एचआईवी

एचआईवी संक्रमण से युवा लोगों के सामने खड़े जोखिम को यौन कैरियर की शुरुआती उम्र के साथ जोड़ा जाता है। यौन साथी के चयन और यौन व्यवहार करने के लिए सही समय, कंडोम उपयोग की जानकारी एवं एचआईवी संक्रमण रोकथाम की शिक्षा युवा लोगों के लिए अनिवार्य की जानी चाहिए।

Monday, April 20, 2020

घर पर ही कैसे बनाएं नेचुरल हैंड सैनिटाइजर

घर पर ही कैसे बनाएं नेचुरल हैंड सैनिटाइजर

क्या आपने अभी सड़क पर एक प्यारे से फ्लफी डॉग को देखते ही अपने हाथों से पकड़ा है? तब तो बिना हाथ धोए अब आप कुछ नहीं कर सकते, है ना? और आजकल तो कोरोनावायरस इतना फैला हुआ है कि अब घर आते ही सबसे पहले हमें हाथ धोने की जरुरत पड़ती है। वैसे ऐसे में आप सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्या आपको छींक आई है और आपको अपने आसपास टिश्यू बॉक्स नहीं मिल रहा है? ऐसी स्थिति में भी हैंड सैनिटाइजर आपके बहुत काम आने वाला है। सैनिटाइजर जर्मोफोब का सबसे अच्छा साथी है और यह प्रोडक्ट लगभग सबके लिए ही बहुत जरूरी होता है। हैंड सैनिटाइजर अर्ली 90 के दशक से हमारे रोजमर्रा के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता चला आ रहा है। यह बात हम सभी जानते हैं कि हमारे हाथ हर समय साफ होने चाहिए। जब हम जर्म्स और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, तो यह बहुत जरूरी होता है कि हम इन बीमारी पैदा करने वाले एजेंट से तुरंत छुटकारा पाएं और आप यह सैनिटाइजर की मदद से कर सकती है।
घर पर बने हैंड सैनिटाइजर का उपयोग क्यों करें?

हम लगातार धूल, गंदगी और जर्म्स के संपर्क में आते हैं। बिमारियों से दूर रहने के लिए, यह जरूरी है कि आप जब किसी अनहाइजीनिक जगह से आते हैं उसके तुरंत बाद अपना हाथ धोएं। हमें हमेशा यह बताया जाता है कि कुछ भी खाने से पहले और बाद में, टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद, पालतू जानवरों को छूने के बाद, यहाँ तक कि खांसने या छींकने के बाद भी हाथ धोना चाहिए। हालांकि, हमारे पास हमेशा पानी और हैंडवाश उपलब्ध नहीं होता है और इस तरह की स्थिति में आपके साथ सैनिटाइजर का होना जरूरी होता है। आप सैनिटाइजर को आराम से अपने साथ कहीं पर भी ले सकती हैं और यह उतना ही असरदार होता है जितना की साबुन और साफ पानी प्रभावी होता है, हैंड सैनिटाइजर वास्तव में हाइजीन बनाए रखने में मदद करता है।

आप यह भी सोच सकते हैं कि जब हमें मेडिकल स्टोर और सुपरमार्केट में कई तरह के हैंड सैनिटाइजर मिलते हैं, तो हम घर पर सैनिटाइजर क्यों बनाएं? आपको घर के बने हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने को इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें केमिकल और प्रेजर्वेटिव का प्रयोग बहुत कम किया जाता है और आप इसमें एसेंशियल ऑयल व अपनी पसंद की खुशबू मिलाकर इसे तैयार कर सकती हैं। बाहर बिकने वाले हैंड सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है, इसमें केमिकल और सिंथेटिक सेंट होते हैं जिसकी वजह से हमारे हाथ रूखे और खुरदरे हो जाते हैं। इनमें से कुछ हैंड सैनिटाइजर में ट्राईक्लोसन भी होता है, जो एक एंटी-बैक्टीरियल के रूप में काम करता है। यह केमिकल जर्म्स को मारने में प्रभावी रूप से कार्य करता है, लेकिन यह आपके शरीर में हार्मोनल संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। आपको यह सुझाव दिया जाता है कि आप अपनी त्वचा के अनुसार घर का बना हैंड सैनिटाइजर का विकल्प चुनें।
घर पर हैंड सैनिटाइजर कैसे बनाएं 

होममेड हैंड सैनिटाइटर को कमर्शियल हैंड सैनिटाइटर के मुकाबले ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है। आइए इन एंटी-बैक्टीरियल हैंड सैनिटाइटर पर नजर डालते हैं :-

1. एलोवेरा होममेड हैंड सैनिटाइजर
आपको चाहिए 

    एलोवेरा जेल
    डिस्टिल्ड वॉटर
    लौंग (क्लोव) एसेंशियल ऑयल 
    लैवेंडर एसेंशियल ऑयल 
    विटामिन ई ऑयल

कैसे तैयार करें 

एक धोया और सुखाया हुआ साफ बर्तन लें। अब बर्तन में ¼ कप एलोवेरा जेल और ¼ चम्मच विटामिन ई ऑयल डालें। इस मिश्रण में, क्लोव एसेंशियल ऑयल की दो बूँद और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की दो बूँद डालें। इसे मिक्स होने के लिए कुछ मिनट छोड़ दें। इसके बाद, इसमें एक से दो बड़े चम्मच डिस्टिल्ड वॉटर डालें। आपका होममेड हैंड सैनिटाइटर तैयार है। इसे एक साफ, एयरटाइट कंटेनर में ठंडी और सूखी जगह स्टोर करें। आपका खुद का बनाया हुआ सैनिटाइटर जेल तैयार है।

नोट - एलोवेरा जेल आपकी त्वचा के लिए एक बेहतरीन मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है और विटामिन ई ऑयल आपके हाथों की त्वचा को पोषण प्रदान करता है। अपनी पसंद का कोई भी एसेंशियल ऑयल इस्तेमाल कर सकती हैं अगर आपको क्लोव और लैवेंडर के तेल की खुशबू पसंद नहीं है।


2. सी सॉल्ट होममेड हैंड सैनिटाइजर
आपको चाहिए 

    सी साल्ट 
    डिस्टिल्ड वॉटर
    सिनेमन (दालचीनी) एसेंशियल ऑयल 
    यूकलिप्टस (नीलगिरी) एसेंशियल ऑयल 
    क्लोव (लौंग) एसेंशियल ऑयल 
    लेमन (नींबू) एसेंशियल ऑयल 

कैसे तैयार करें 

एक साफ, धुली और सुखी स्प्रे बोतल में आधा चम्मच सी साल्ट डालें। इसमें ऊपर बताए गए सभी एसेंशियल ऑयल मिलाएं । आप प्रत्येक एसेंशियल ऑयल की दो बूंद डाल सकती हैं। आखिर में, डिस्टिल्ड वॉटर और सभी सामग्री को धीरे से मिलाएं। इसे ठंडी और सुखी जगह पर रखें। आप इसका उपयोग तब कर सकती हैं जब आपको अपने हाथों को साफ करने की आवश्यकता हो।

नोट - सी साल्ट एक बेहतरीन एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। एसेंशियल ऑयल में विरोधी एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है।


3. रबिंग अल्कोहल होममेड हैंड सैनिटाइजर
आपको चाहिए 

    रबिंग अल्कोहल
    पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल 
    लैवेंडर ऑयल 
    विटामिन ई ऑयल 
    एलोवेरा जेल

Rubbing alcohol santizer

कैसे तैयार करें 

एक स्प्रे बोतल या एयरटाइट कंटेनर जिसमें स्प्रे नोजल हो, उसमें रबिंग अल्कोहल के चार बड़े चम्मच डालें। सुनिश्चित करें कि यह साफ और सूखा हो। अब इसमें विटामिन ई ऑयल का एक चम्मच डालें । फिर आप प्रत्येक एसेंशियल ऑयल की दो बूंद इसमें मिला सकती हैं। आप इसे हल्के से मिलाने के लिए हैंड ब्लेंडर का उपयोग कर सकती हैं, ताकि सब सामग्री अच्छी तरह से मिल जाए। फिर आप इस सैनिटाइजर का उपयोग कर सकती हैं, सुनिश्चित करें कि आप इसे एक ठंडी, सूखी जगह पर स्टोर करें।

नोट - रबिंग अल्कोहल एक बेहतरीन एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है और यह खतरनाक बैक्टीरिया और जर्म्स को मार सकता है। हालांकि, इससे आपके हाथ ड्राई हो सकते हैं, लेकिन इस प्रभाव कम करने के लिए एलोवेरा जेल एक बेहतरीन मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है। विटामिन ई का ऑयल भी आपकी त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है।

ऐसे करें इस्‍तेमाल

अगर आप सही तरीके से हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं, तो ये आपको तमाम बीमारियों और त्वचा रोगों से बचाता है। जब भी आप घर से बाहर हों, तो कुछ भी खाने या मुंह को छूने से पहले अपने हथेली के बीच के हिस्से में इस होममेड नैचुरल सैनिटाइजर को 2 बार स्प्रे करें। अब अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें, ताकि हथेली के बैक्टीरिया साफ हो जाएं। इसके बाद हथेली के पिछले हिस्सों को रगड़ें, ताकि पूरा हाथ साफ हो जाए। जरूरत हो तो आप 1-2 स्प्रे और कर सकते हैं।

घर पर बनाए हैंड सैनिटाइजर के फायदे 

बाजार में मिलने वाले हैंड सैनिटाइजर में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। कई वैज्ञानिक रिसर्च करके इस बारे में बता चुके हैं कि केमिकलयुक्त सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ता है। घर पर बना ये सैनिटाइजर पूरी तरह नैचुरल और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए सिर्फ प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इसे आप ताजा बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं और फिर नया बना सकते हैं।