स्तन का कैंसर
- स्त्रियों में स्तनों का कैंसर इन दिनों काफी आम हो गया
- हालाँकि स्तनों के सभी गांठ कैंसर नहीं होते हैं
- शुरू में लक्षण दिखने पर इलाज करा लेने से मौत से बचा जा सकता है|
- आप्रेशन के साथ-साथ अन्य विद्याओं से डाक्टर कि देख-रेख में इलाज कराना चाहिए|
लक्षण
- स्तन के किसी भी हिस्से में गिल्टी या गांठ हो जाती है
- कभी-कभी स्तन कि चमड़ी संतरे के छिलके कि कई गढे वाली हो सकती है|
- अक्सर इनमे दर्द नहीं होता है
- स्तन में अल्सर जैसी चीज भी हो सकती है
- स्तन से खून जैसा रिसाव होता है, वे अन्दर कि तरफ धंस जाती है
- गिल्टी या गांठ धीरे-धीरे बढ्ती रहती है
- बाद में दर्द भी होता है|
स्तनों का खुद ही जांच करना
- हर महिला को अपने स्तनों को खुद जांचना जानना चाहिए
- हर महावारी के दस दिन बाद ऐसा करना चाहिए
- आइने के सामने अपने स्तनों को देखें
- ध्यान से देखें कि उनके आकार में तो कोई फरक नहीं दिख रहा है
- छूकर, धीरे-धीरे दबा कर महसूस करें कि कोई गांठ या गिल्टी तो नहीं उभर गया है
- स्तनों से कुछ लस-लसी बहाव तो नहीं हो रहा है
- जांच अच्छी तरह करें, बाहों को ऊपर उठाकर फिर नीचे झुका कर
- पीठ के नीचे तकिया लगाकर लेट जाएं फिर हाथों को सीधा कर उंगलियों से स्तनों कि धीरे-धीरे दबाएं|
- स्तनों कि जांच चूची से शुरू कर के स्तनों के आखिरी हिस्से तक दबा कर देखें
- चुचियों को दबाकर देखें कि उनसे खून या किसी तरह का बहाव तो नहीं हो रहा है|
- रोज नहाएं और उन अंगों पर हल्का साबुन लगाएं
- हर संभोग के बाद पेशाब कर लें और योनी वाले हिस्से कि सफाई करें| इससे पेशाब नली में कोई छुतहा रोग नहीं होगा|
- हर शौच के बाद गुदा को साफ पानी से धोएं|
पेट के निचले भाग में दर्द या परेशानी
- यह दर्द पेशाब कि नली या आंतों कि समस्या से भी हो सकता है
- गर्भाशय में ट्यूमर या गांठ का होना
- अंडाशय में पानी वाली सूजन
- गर्भाशय का कैंसर
- शुरू में हल्की बेचैनी होती है, फिर दर्द बढ़ जाता है
- अक्सरहाँ आपरेशन कि जरूरत पड़ती है|
योनी में सूजन या उभार
- ऐसी महिलाओं को यह रोग होता है जिनके बहुत बच्चे हुए हैं या प्रसव के समय कठिनाई हुई हो
- उन्हें यह महसूस होता है कि योनी बाहर की तरफ निकल रहा है या पीछे से भार पर रहा है|
- जोर से खांसने पर यह परेशानी बढ़ जाती है
- पहला बच्चा पैदा होने पर इस तरह की परेशानी ज्यादा होती है|
- ऐसी माताओं को चाहिए कि वे कम बच्चे पैदा करें|
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